17 वीं सांस्कृतिक संध्या का आयोजन

उदयपुर, मेडिकल प्रेक्टीशनर्स सोसायटी का सांस्कृतिक संध्या में आज से २८ वर्ष पूर्व स्थापित इस संस्था के संस्थापक सदस्यों का शॉल ओढाकर एवं प्रतीक चिन्ह देकर सम्मान किया गया। सांस्कृतिक संध्या का प्रारम्भ डॉ. आर.एल.अठावाल एवं डॉ. पी.सी. जैन ने सरस्वती मां के समक्ष दीप प्रज्जवलन कर के किया।

ईश वन्दना नृत्य के साथ यह १७वीं सांस्कृतिक संध्या प्रारंभ हुई । इसमें नगर के मेडिकल प्रेक्टीशनर्स व उनके परिवार के सदस्यों ने अपनी-अपनी प्रतिभाओं का प्रर्दशन किया। आम तौर पर चिकित्सकों को गंभीर न हंसने वाले, नृत्य व संगीत में न रूचि रखने वाला माना जाता है पर इस कार्यक्रम को देखकर लगता है कि नृत्य, गीत, संगीत सभी में नन्हें मुन्नों से लगाकर बडे से बडे डाक्टर्स दमप्त्ति ने अपनी अभिव्यक्ति देकर इस धारणा को झूठला दिया है।

सोयायटी की स्थापना करने वाले सदस्यों में सर्वप्रथम वरिष्ठ नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. आर.एल.अठावाल का अध्यक्ष डॉ. एन.के.बंसल द्वारा शॉल ओढाकर व प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया इसके बाद डॉ. एस.बी.गुप्ता, डॉ.पी.सी.जैन, डॉ.एम.एस.नाहर, डॉ. शेलेन्द्र हिरण, डॉ. अनिल कोठारी, डॉ. पी.सी.मेहता, डॉ. बी.एल.सोनी (संस्थापक सदस्यों) को शॉल ओढाकर एवम् प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। वरिष्ठ सदस्य डॉ. बी.डी. छाबडीया, डॉ. एम.एल.गुप्ता, डॉ.परिहार इत्यादि ने स्वयं गीत गाकर कार्यक्रम में चार चाँद लगाये।

एम.पी.एस. की कार्यकारिणी के सभी सदस्यों ने अपनी- अपनी पत्नियां/पति के साथ आधुनिक नृत्यों की विभिन्न झांकियां प्रस्तुत कर सबका मन मोह लिया। डॉ. टी.के.भण्डारी व लता भण्डारी की जोडी का नृत्य हर बार की तरह इस बार भी श्रेष्ठ रहा। श्रीमती मधुलिका मेहता का नृत्य इस उम्र में भी बडा की सराहनीय रहा। नन्हें बालकों ने अपनी अपनी प्रतिभा दिखाकर नृत्य, गीत, कविताएं सुनायी।

समापन पारितोषित वितरण डॉ. एन.के.बंसल अध्यक्ष द्वारा धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ।

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