19-08-07-07-delhi-womenनयी दिल्‍ली (ब्‍यूरो)। दिल्‍ली के गांधीनगर इलाके में 5 साल की मासूम के को अगवा कर बलात्‍कार करने के मामले से आम लोगों में भड़का गुस्‍सा अब धीरे-धीरे सड़क पर दिखाई देने लगा है। जिस अस्‍पताल में पीडि़ता भर्ती है उसके बाहर भारी संख्‍या में जनता प्रदर्शन कर रही है। इसी बीच प्रदर्शन के दौरान प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच कहासुनी हो गई जिसके बाद खजूरी खास के एसीपी बीएस अहलावत ने एक लड़की को थप्‍पड़ मार दिया। थप्‍पड़ इतना जोर का था कि लड़की के कान से खून निकलने लगा। हालांकि तत्‍काल प्रभाव से एसीपी को सस्‍पेंड कर दिया गया है। इसी बीच उग्र भीड़ ने बलात्कार पीड़ित बच्ची को देखने पहुंचे दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य मंत्री एके वालिया के साथ लोगों ने धक्का-मुक्की की।

बच्ची के परिजनों, पड़ोसियों और आम आदमी पार्टी (एएपी) के कार्यकर्ताओं ने आरोपी की जल्द गिरफ्तारी की मांग करते हुए दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित तथा दिल्ली पुलिस के खिलाफ नारेबाजी की। प्रदर्शनकारियों ने बच्ची को बेहतर चिकित्सा के लिए अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) जैसे अस्पताल में भर्ती कराने की भी मांग की। बच्ची के पिता ने बताया कि जब बच्ची को पड़ोसी के घर में जख्मी हालत में पाया गया, तो पुलिस ने उन्हें चुप रहने के लिए दो हजार रुपये देने की बात कहते हुए कहा, शुक्र है बच्ची जिंदा तो है।

डॉक्‍टरों का कहना है कि आने वाले 24 से 28 घंटे उस बच्‍ची के जिंदगी के लिए बेहद अहम हैं। डॉक्‍टरों का कहना है कि उसकी जान को खतरा है लेकिन पूरी कोशिश की जा रही है। मालूम हो कि दिल्‍ली के गांधी नगर इलाके में नर्सरी में पढ़ने वाली महज पांच साल की मासूम बच्‍ची को उसके घर की बिल्‍डिंग के ग्राउंड फ्लोर पर रहने वाले युवक ने अगवा कर लिया और फिर चार दिनों तक उसके साथ बलात्‍कार किया। घर वाले बच्‍ची को इधर-उधर ढूंढते रहे। आरोपी ने बच्‍ची के हाथ-पैर बांध दिये थे और चार दिनों से उसे खाने को कुछ नहीं दिया था। पुलिस ने बताया कि 14 अप्रैल को बच्‍ची अचानक अपने घर से लापता हो गई। उसकी तलाश की गई मगर वो नहीं मिली। लोगों ने बताया कि आरोपी भी बच्‍ची को ढूंढने में घर वालों की मदद करने का ढोंग रच रहा था। घर वालों को अंदाजा भी नहीं था कि जो उनके साथ उनकी बच्‍ची को ढूंढने में मदद कर रहा है उसी ने उनकी बच्‍ची को बंधक बनाकर अपने रूम में छिपा रखा है। जब बच्‍ची नहीं मिली तो 15 अप्रैल को गांधीनगर थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज की गई।

बुधवार की दोपहर कमरे से अचानक बच्‍ची के रोने की आवाज आई। आवाज उसी बिल्‍डिंग के ग्राउंड फ्लोर से आ रही थी। घर वालों ने फौरन पुलिस को फोन किया और कमरे का ताला तोड़ा। बच्‍ची की हालत बेहद नाजुक थी इसलिये उसे आनन-फानन में एलबीएस अस्‍पताल में भर्ती कराया गया। मेडिकल जांच में बलात्‍कार की पुष्टि हो गई। जांच में पता चला कि आरोपी ने मासूम के साथ कई बार बलात्‍कार किया था जिससे वो रह-रह कर बेहोश हो जा रही थी। डॉक्‍टरों ने बताया कि बच्‍ची के पेट से शीशी और मोमबत्‍ती निकाली गई है। प्राप्‍त जानकारी के अनुसार अब उसकी हालत बेहद नाजुक बनी हुई है। वहीं आम आदमी पार्टी के मनीष सिसोदिया का कहना है कि जिस अस्पताल में सिटी स्कैन करने की सुविधा नहीं है वैसे अस्पताल में लाकर बच्‍ची को रख दिया गया है। उन्होंने कहा कि अगर बच्ची को कुछ होता है तो इसके लिए जिम्मेदार दिल्ली पुलिस और दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित होगी।

 

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