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रंग लाया मतदाता जागरुकता अभियान, अधिकतर बूथों पर उमड़ी मतदाताओं की भीड़
उदयपुर। लोकतंत्र के उत्सव में शहर में जोश का माहौल है। प्रशासन का मतदान जागरूकता अभियान का असर शहर के अधिकतर बूथों पर सुबह से ही नजऱ आने लग गया। दोपहर की गर्मी से बचने के लिए सुबह-सुबह अधिकतर मतदाताओं ने मतदान किया। मतदान के प्रति जागरूकता का यह आलम है कि हर कोई वोट डालकर अपना चित्र सोशल साइट पर अपलोड करके मित्रों से मतदान की अपील कर रहा है। शहर के आसपास गांवों में भी मतदान के प्रति खासा रूझान रहा। ग्रामीण मतदान के बाद ही अपने दैनिक कार्यों के लिए निकले।
सुबह ज्यादा हुआ मतदान
इस बार चुनाव आयोग ने सुबह और शाम को मतदान का एक-एक घंटा बढ़ा दिया, जिससे मतदान सुबह सात बजे ही शुरू हो गया, अपने मत के प्रयोग के लिए सुबह-सुबह कई बूथों पर केंद्र खुलने के पहले ही लोगों की भीड़ लग गई और लाइनें बनी रही। शहर के अधिकतर हिस्सों में यह आलम था कि 10 बजे तक खासी भीड़ उमड़ पड़ी शहर में मंडी, चमनपुरा, तैय्या बियाह स्कूल, मल्लातलाई, जगदीश चौक में सुबह-सुबह खासी भीड़ रही।
प्रमाण पात्र के लिए मची होड़: चुनाव आयोग ने हर मतदान केंद्र पर पहला वोट डालने वाले को प्रमाण पत्र देने की व्यवस्था की है। इसके चलते सुबह-सुबह कई बूथों पर पहला प्रमाण पत्र लेने की होड़ मची रही। कई जगह तो बूथ में बैठे कांग्रेस, भाजपा के कार्यकर्ताओं में भी आपस में खींचातानी हो गई। मंडी के एक बूथ पर पहले वोट डालने की बात को लेकर भाजपा-कांग्रेस के कार्यकर्ता आपस में उलझ गए। जगदीश चौक स्कूल में अरविंदसिंह मेवाड़ को पहला वोट डालने पर प्रमाण पत्र दिया गया। अरविंदसिंह मेवाड़ पत्नी और पुत्र लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ के साथ वोट डालने आए थे।
एक नाम का पड़ा चक्कर: देहलीगेट स्थित तैय्या-बियाह स्कूल में एक ही नाम की दो महिलाएं होने से मतदान केंद्र में कर्मचारी भी चक्कर में पड़ गए। किसी का वोट किसी से डलवा दिया। यहां मतदान केंद्र में मेहरून्निशा नाम की दो महिलाएं थीं और कर्मचरियों ने पति के नाम को ध्यान से नहीं देखा, जब मेहरून्निशा पत्नी स्व. रमज़ान अली वोट डालने आई, तो उनका वोट मेहरून्निशा पत्नी नूर मोहम्मद डाल के चली गई। बाद में महेरून्निशा पत्नी स्व. रमज़ान अली को दूसरी मेहरून्निशा के स्थान पर वोट डलवाया गया।
कई लोगों के नाम नहीं: कई जगह सुबह-सुबह यह भी देखा गया कि जिनके विधानसभा में वोटिंग लिस्ट में नाम थे, उनका नाम अभी कही लिस्ट में नहीं मिला। सज्जन नगर ज्योति स्कूल में 71 वर्षीय हीराबाई का नाम विधानसभा में था, लेकिन इस बार उनका लिस्ट से नाम गायब हो गया। उधर बोहरवाड़ी जमात खाने के मतदान केंद्र में 102 वर्षीय सज्जाद हुसैन का भी विधानसभा चुनाव में नाम था, लेकिन इस चुनाव में लिस्ट से नाम ही गायब हो गया। ये वृद्ध सुबह-सुबह ही मतदान केंद्र पर वोट डालने के लिए आए, लेकिन लिस्ट में नाम नहीं होने की वजह से निराश हाथ लगी।
यूथ में फिर जोश: मतदान को लेकर जैसा उत्साह युवाओं ने विधानसभा में दिखाया था। इस लोकसभा चुनाव में भी वही उत्साह देखने को मिला। कई युवा तो अपना पहला मतदान करने के लिए सुबह-सुबह नाइट सूट और बरमुड़ा में ही मतदान केंद्र की तरफ आ गए। कई युवाओं ने अपने-अपने मित्रों के साथ मतदान केंद्रों पर जाकर वोट किया। लड़कियां भी इस मामले में पीछे नहीं रही, कई युवा ने तो खुद वोट डाला और अपने घर में वृद्धों को भी अपनी बाइक, स्कूटी, कार में बैठाकर मतदान केंद्र तक लेकर आए।
सोशल साइट पर बूम: हर युवा फेसबुक वॉट्सएप्प पर जुड़ा हुआ है, जैसे-जैसे वोट दाल कर आ रहे हैं। फेसबुक और व्हाट्सअप पर अपने फोटो शेयर कर रहे हैं। साथ ही मतदान करने का संदेश भी दे रहे हैं। यही नहीं ग्रुप चाहे व्हाट्सअप का हो या फेसबुक का हर जगह अपने फोटो शेयर कर मतदान करने का संदेश दिया जा रहा है।
ट्रैफिक रहा कम: मतदान के प्रति जागरूकता का असर शहर के टैफिक पर भी रहा। हालांकि सरकार की तरफ से छुट्टी घोषित की गई है, लेकिन फिर भी आम छुट्टियों की अपेक्षा आज के दिन सुबह 11 बजे तक ट्रैफिक कम रहा। कोर्ट चौराहा और चेतक सर्किल जैसे चौराहों पर तो इतना कम ट्राफिक था कि लोगों ने लाल बत्ती में भी रूकना मुनासिब नहीं समझा।
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