उदयपुर। फतहसागर किनारे सुकून के पल बिताने आए शहरवासियों और पर्यटकों को बीती रात पुलिस ने डंडा मार कार्रवाई करते हुए भगा दिया। अफसोस है कि पुलिस ने ऐसी कार्रवाई की, जिससे आमजन का विश्वास पुलिस के प्रति संदिग्ध हो गया।
होना तो यह चाहिए था कि अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई होती, पुलिस की गश्त चलती रहती और आमजन तथा पर्यटक पुलिस निगरानी में आराम से फतहसागर के किनारे का लुत्फ लेते, लेकिन पुलिस ने अफसोसनाक कार्रवाई की है। एसपी हरिप्रसाद शर्मा से अपील करता है कि फतहसागर किनारे शराब पीकर उत्पात मचाने वालों के खिलाफ कार्रवाई करें, न कि आमजन और पर्यटकों को वहां से भगाए। उल्लेखनीय है कि महीने के आखिरी बुधवार को फतहसागर किनारे शराबी और बदमाश युवक उत्पात मचाते हैं।आए दिन वहां पर शराब पीकर महिलाओं और युवतियों पर गंदी फब्तियां कसते हैं। इस दिन मुंबइयां बाजार भी बंद रहता है, जिससे इन बदमाशों के हौसलें और भी बढ़ जाते हैं और बाजार बंद होने के कारण पुलिस गश्त भी नहीं होती है। इस संदर्भ में समाचार प्रकाशित किया, तो गुरुवार रात को पुलिस ने फतहसागर घूमने आए शहरवासियों और पर्यटकों को भी लाठी के जोर से भगा दिया। कुछ लोगों को मार भी खानी पड़ी। मुंबइयां बाजार के दुकानदारों पर भी सख्ती की गई और बाजार जल्दी ही बंद करा दिए।
पुलिस कार्रवाई से लोगों में रोष
पुलिस द्वारा कल रात की गई कार्रवाई से लोगों में रोष है। बीती रात अपने परिवार के साथ फतहसागर किनारे बैठे भरत व्यास ने कहा कि पुलिस समाज कंटकों पर कार्रवाई करने की बजाय वहां आए परिवारों और दुकानदारों पर सख्ती बरत रही थी। उन पर डंडे बरसा रही थी, जबकि पुलिस को चाहिए था कि समाज कंटकों से वहां आने वाले परिवारों और महिलाओं को सुरक्षा देंवे। हमको व कई अन्य परिवारों को भी वहां से भगा दिया गया, जो कि गलत है। सुशील जैन ने बताया कि वह भी उसकी पत्नी के साथ रात 10 बजे एफएस पर पहुंचे थे। रात 11 बजे करीब पुलिस के 8-10 जवान आए और बिना कुछ बताए, वहां बैठे लोगों को भगाने लगे। विरोध करने पर युवाओं पर लाठियां बरसानी शुरू कर दी। मानो जैसे हम असामाजिक लोग