gang_1492393884उदयपुर. देशभर में ऑनलाइन फ्रॉड करने वाले गिरोह के आरोपी दो विदेशियों सहित पांच बदमाशों को गिरफ्तार कर अंबामाता पुलिस ने 3 करोड़ रुपए के फ्रॉड का खुलासा किया है। अंबामाता पुलिस ने पहले ही गिरफ्तार मोहिन्द्र और नरेश से पूछताछ में मिली जानकारी के अनुसार सोशल नेटवर्किंग साइट पर गिरोह के जारी विज्ञापन से संपर्क किया और सोशल साइट पर चेटिंग कर आरोपियों को एहसास दिलाया कि वे उनके झांसे में फंस गए हैं। फिर तकनीकी संसाधनों से पुलिस आरोपियों तक पहुंच गई।
एसपी राजेन्द्र प्रसाद गोयल ने बताया कि, तकनीकी संसाधनों के आधार पर विरार, मुंबई से नाईजीरिया निवासी विक्टर उर्फ कैलविन, इडूमी चार्ल्स और मुंबई निवासी महिला प्रेमा दास सोनी को गिरफ्तार किया है। पुलिस गिरोह में शामिल भूपालपुरा निवासी संदीप मोहिन्द्रा पुत्र देवेन्द्र और नरेश पंचोली पुत्र उदयलाल को पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है।
आरोपी विदेशी युवकों को पकड़ना पुलिस के लिए बड़ी चुनौती थी, ये तुरंत तुरंत स्थान बदल देते थे। गिरोह में शामिल उदयपुर के संदीप और नरेश को कुल राशि का 10 प्रतिशत हिस्सा मिलता था। आरोपियों ने लोगों से ठगे गए रुपयों से रेडीमेड कपड़े खरीदे और नाइजीरिया कार्गो के जरिए भेज दिए थे, जिसकी पुलिस पड़ताल कर रही है।
आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी की धारा जोड़ने के साथ ही आपराधिक दुर्विनियोग के लिए आईपीसी की धारा 411 और 413 भी लगाई है। उदयपुर में धारा 413 का पहली बार ही उपयोग हुआ है। इन धाराओं में आजीवन कारावास तक का प्रावधान है। गिरोह का खुलासा डीएसपी गोपाल सिंह भाटी, थानाधिकारी चंन्द्रपुरोहित, अशाेक आंजना के नेतृत्व में बनी टीम ने किया है।
आरोपियों की महिला के नाम से बनी एफबी प्रोफाइल पर की चैटिंग और जाल में फंसाया
– थानाधिकारी चन्द्र पुरोहित ने बताया कि आरोपियों ने महिला के नाम से फेसबुक प्रोफाइल बनाई हुई थी, जिस पर फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजी। महिला ने खुद को समुद्री जहाज पर अधिकारी बताया और चेटिंग की। पांच दिन बाद महिला ने रिप्लाई किया कि जहाज पर समुद्री डाकू आ गए हैं, उसके पास काफी डाॅलर, पाउंड और रुपए हैं। चार-पांच दिनों में काफी भरोसा हो गया है। इस रुपए को सुरक्षित रखने के लिए वह पार्सल के जरिए यह राशि भेज रही है, यह सुनकर अधिकतर चेटिंग करने वाला तत्काल पता दे देता था और भरोसे में आ जाता था।
इसके बाद महिला संपर्क नहीं करती थी, यहां मौजूद संदीप और नरेश फोन करते थे कि आपका पार्सल विदेश से आया है। इसकी कुरियर राशि खाते में जमा करवा दीजिए और पार्सल प्राप्त कर लीजिए। व्यक्ति तत्काल रुपए जमा करा देता था और ये लोग पीड़ित से संपर्क तोड़ देते थे।
इसके अलावा सोशल नेटवर्किंग साइट पर विभिन्न देशों के वीजा बनवाने का विज्ञापन करते थे। फर्जी वीजा की कॉपी स्कैन कर पीड़ित काे भेजते थे और उससे मोटी रकम प्राप्त करते थे। फर्जी सिम के जरिए लॉटरी लगने का झांसा देकर प्रोसेसिंग चार्ज के नाम से राशि हड़पने और इंस्टाग्राम, फेसबुक पर ब्रांडेड इलेक्ट्रॉनिक सामान और कपड़ों को सस्ते दाम में बेचने के नाम पर भी लोगों ने उनके खातों में रुपए डलवाकर ठगी की है।
फर्जी नाम से खाते खुलवाते और उसी में जमा कराते थे फ्रॉड की राशि
एएसपी सुधीर जोशी ने बताया कि आरोपियों ने फर्जी नामों से बैंक खाते खुलवाए थे। फ्रॉड से ली राशि इन खातों में ही डलवाई जाती थी। खातों का ट्रांजेक्शन की पड़ताल से पता चला कि आरोपियों ने अब तक सैकड़ों लोगों से 3 करोड़ रुपए की ठगी की है। इस राशि को सर्राफा व्यापारियों के खातों में अारटीजीएस करा उनसे सोना-चांदी खरीदते थे और फिर उन्हीं व्यापारियों को बेचकर कैश राशि प्राप्त कर लेते थे।
नाइजीरियन के पास हैदराबाद का वोटर कार्ड
पुलिस ने नाइजीरियन युवक विक्टर उर्फ कैल्विन के पास से भारत में बना हैदराबाद का वोटर आईडी बरामद किया है। आरोपी ने भारत आकर यहां धोखे से पहचान पत्र भी बनवा लिया था।
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