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चित्तौडग़ढ़। जिले के अधिकांश इलाकों में बुधवार दोपहर बाद हुई ओलावृष्टि ने किसानों को रुलाने में कोई कसर नहीं रखी। आधा किलो से भी अधिक वजन के बड़े-बड़े ओले कई जगह दूसरे दिन भी बिना पिघले जस के तस पड़े दिखाई दिए, पर रबी फसलों खासकर अफीम में नुकसान को देखकर किसान इतने दुखी नजर आए, मानो ये ओले उनकी आंखों के माध्यम से पिघल रहे हैं। इन किसानों का दर्द गुरुवार को जनप्रतिनिधियों व अधिकारियों के सामने फूट पड़ा। इस प्राकृतिक प्रकोप के कारण नए कलेक्टर वेद प्रकाश कमान संभालने के दूसरे ही दिन गुरुवार को छुट्टी के बावजूद जिले के कई गांव और खेतों में पहुंचे। कलेक्टर सहित अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों ने नुकसान का जायजा लिया। दूसरी ओर जिलेभर के सैंकड़ों किसान खराबा दिखाने जिला मुख्यालय पर पहुंच गए।
अफीम किसान अलग-अलग समूहों में नारकोटिक्स विभाग तथा कलेक्ट्रेट पहुंचे। अफीम किसान संघर्ष समिति के सचिव गणेशलाल पूर्बिया ने बताया कि राशमी भाजपा ओबीसी प्रकोष्ठ अध्यक्ष गोपीलाल सुथार, हीरालाल जाट, रामेश्वरलाल जाट, मदनलाल जाट कचनारिया, अफीम किसान विकास समिति संरक्षक मांगीलाल मेघवाल बिलोट आदि के नेतृत्व में किसान क्षतिग्रस्त अफीम फसल के डोडे व अन्य नमूने लेकर कलेक्ट्रेट पहुंचे और ज्ञापन दिए। इसमें उचित मुआवजा व खराबे के अनुसार औसत कम करने की मांग की। इस दौरान भीमगढ़, पावली, करीथड़ा, बारू, रूद, चौंगावड़ी समेत डूंगला क्षेत्र के किसान भी मौजूद थे। बिजयपुर घाटा क्षेत्र के किसानों के साथ भाजयुमो के मंडल महामंत्री मथूरालाल जाट, पालेर के अफीम मुखिया शोभालाल, नारायणलाल, चंपालाल, मदनलाल आदि ने कलेक्टर के नाम ज्ञापन में बताया कि अफीम की फसल के साथ-साथ गेंहू व सरसों की फसल में भी 60 फीसदी से अधिक नुकसान हुआ है। जिला अफीम अधिकारी से भेंटकर भी ज्ञापन दिए गए।

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