एकीकृत जस्ता धातु, सीसा धातु व चांदी उत्पादन में आई कमी
खनित धातु उत्पादन में 10 प्रतिषत की वृद्धि

hzlउदयपुर | 19 जनवरी, 2015 को हिन्दुस्तान जिंक लिमिटेड ने आज मुम्बई में आयोजित अपनी निदेशक मण्डल की बैठक में 31 दिसम्बर 2014 को समाप्त तीसरी तिमाही एवं नौमाही के वित्तीय परिणामों की घोषणा की।
‘‘हिन्दुस्तान जिंक के चेयरमैन अग्निवेष अग्रवाल ने बताया कि हम कंपनी के बेहतर निष्पादन के लिए प्रतिबद्ध हैं। आज हमारा सम्पूर्ण ध्यान कंपनी की दीर्घकालीन परियोजनाओं को निष्पादित करने तथा कंपनी की खनन उत्पादन क्षमता में वृद्धि और उत्पादन लागत में कमी को बनाए रखने तथा लाभ में सुधार के लिए है। साथ ही शेयरधारकों का मूल्य बनाये रखने के लिए कंपनी प्रतिबद्ध है।’’
वित्तीय वर्ष की तीसरी तिमाही में कम्पनी ने 242,417 एम.टन खनित धातु का उत्पादन किया जो गत वर्ष की इसी समान अवधि में 220,126 एम.टन था जो कि 10 प्रतिषत की वृद्धि दर्षाता है। तीसरी तिमाही में कंपनी के खनित धातु के उत्पादन में वृद्धि रामपुरा आगुचा खदान का विस्तार एवं उच्च गुणवत्तायुक्त अयस्क के खनन उत्पादन होने के परणिास्वरूप हुई है। परन्तु नौमाही की तुलना में खनित धातु का उत्पादन 618,123 एम.टी. हुआ जो इसी अवधि में गतवर्ष 679,597 एम.टी. था।
तीसरी तिमाही में खनित धातु में वृद्धि के फलस्वरूप, एकीकृत रिफाइन्ड जस्ता धातु का उत्पादन, पिछली तिमाही की तुलना में 11 प्रतिषत अधिक रहा। परन्तु पिछले वर्ष की तुलना में उत्पादन 2 प्रतिषत कम रहा है।
सीसा धातु के क्षेत्र में, तीसरी तिमाही में कम्पनी ने 24,890 एम.टी. रिफाइन्ड सीसा धातु का उत्पादन किया जो गतवर्ष की इसी समान अवधि के दौरान हुए उत्पादन की तुलना में कमी दर्षाता है। तीसरी तिमाही में कंपनी ने 70 एम.टी चांदी धातु का उत्पादन किया जो गतवर्ष की इसी समान अवधि की तुलना में क्रमषः 3ः कम है। वित्तीय वर्ष 2015 की अंतिम तिमाही में एकीकृत बिक्री योग्य चांदी उत्पादन में सुधार होने की संभावना है।
वित्तीय वर्ष 2015 की तीसरी तिमाही के दौरान कंपनी को 3,804 करोड़ रु. का राजस्व व 2,379 करोड़ रु. का शुद्ध लाभ अर्जित हुआ।
सिन्देसर खुर्द खदान में विस्तार कार्य योजना अनुसार प्रगति पर है परन्तु रामपुरा-आगुचा भूमिगत खदान में शाफ्ट का कार्य देरी से चल रहा हैं।
निदेषक मण्डल ने रामपुरा-आगुचा खदान की ऑपन कास्ट माइन को 50 मीटर्स की गहराई तक ले जाने की अनुमति प्रदान की है जिससे रामपुरा-आगुचा खदान में ऑपन पिट से भूमिगत खदान में स्थानान्तरण आसान हो जाएगा।

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