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उदयपुर । सरपंच चुनाव के पूर्व अपने समर्थकों में अवैध हथियार बांटने के मामले में आरोपी साकरोदा ग्राम पंचायत में सरपंच की उम्मीदवार उषा शर्मा को जहाँ पुलिस भूमिगत बता रही है वही दूसरी और पुलिस कहानी से पर आरोपी उषा शर्मा खुले आम अपने पंचायत क्षेत्र में चुनाव प्रचार कर रही है, और रैलियां निकाल रही है |
गौतलब है की साकरोदा ग्राम पंचायत में सरपंच पद के दावेदार उषाशर्मा का पति अनिल शर्मा को पुलिस ने हथियां मंगवाकर दोस्तों को बांटने के जुर्म में गिरफ्तार किया था | तथा पुलिस के मुताबिक़ अनिल शर्मा ने अपना अपराध कुबूल करते हुए पुलिस को बताया है, कि उसने गांव के कुछ लोगों को हथियार दिए है | इस मामले में सरपंच की दावेदार उषा शर्मा भी नामजद आरोपी है जिसके लिए पुलिस का कहना है की उसको दो टीम ढूंढ रही है एक उसके गांव में है, जहाँ कई जगह दबिश दी है | एक टीम फीरोजाबाद तक उसको ढूंढने के लिए चली गयी है | पुलिस के अनुसार उषा शर्मा गायब है और भूमिगत हो गयी है | जब की हकीकत कुछ और ही है | उषा शर्मा साकरोदा गांव में ही खुले आम चुनाव प्रचार कर रही है | और रैलियां निकाल रही है
आज सुबह उषा शर्मा ने चुनाव प्रचार के दौरान बताया कि उसके पति अनिल, साकरोदा निवासी प्रतापसिंह देवड़ा और कानपुर निवासी किशन डांगी को पुलिस झूठे मामले में फंसा रही है। उसका कहना है कि गिरफ्तारी के वक्त वह अनिल के साथ थी, लेकिन पुलिस ने उसे गिरफ्तार नहीं किया। पता चला है कि इस मामले में पुलिस भंयकर प्रेशर में है, इसलिए वो उषा शर्मा को गिरफ्तार नहीं कर रही है। इधर, प्रतापनगर थानाधिकारी चंद्रप्रकाश पुरोहित का कहना है कि साकरोदा में सरपंच पद की दावेदार उषा शर्मा शुक्रवार को हुई पुलिस कार्रवाई के दौरान भाग छूटी थी, जिसकी तलाश में पुलिस ने एक टीम फिरोजाबाद भेजी है, जबकि दूसरी टीम साकरोदा में उषा शर्मा की तलाशी में दबिशें दे रही है। पुलिस के एक थानाधिकारी का यह सफेद झूठ आज सुबह उस समय पकड़ में आ गया, जब सरपंच पद की प्रत्याशी उषा शर्मा को साकरोदा में प्रचार करते हुए पाई गयी। अंदर की बात यह पता चली है कि उषा शर्मा भाजपा के समर्थन पर सरपंच का चुनाव लड़ रही है और राज्य में भाजपा की सरकार है, इसलिए पुलिस जानबूझकर उसे गिरफ्तार नहीं कर रही है और उसकी गिरफ्तारी के लिए फिरोजाबाद और साकरोदा में दबिशें देने की झूठी कहानियां मीडिया में प्रकाशित करवा रही है। उषा शर्मा का कहना है कि वो आज गृह मंत्री गुलाबचंद कटारिया से मिलने कुराबड़ जा रही है, जहां पर पुलिस की कथित झूठी कार्रवाई के खिलाफ वह शिकायत करेगी। सूत्रों के अनुसार उषा शर्मा पूर्व में साकरोदा अस्पताल में नर्स थी, लेकिन एक माह पूर्व ही राजकीय सेवा त्यागकर वह सरपंच पद की उम्मीदवार बन गई। उषा शर्मा का आरोप है कि पुलिस ने यह झूठी कार्रवाई पूर्व सरपंच भगवतीलाल खटीक की मिलीभगत से की है, जबकि भगवतीलाल खटीक का कहना है कि मेरा इस मामले से कोई लेना-देना नहीं है और आरोप बेबुनियाद है।

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