उदयपुर। भ्रष्ट लोक सेवकों को बचाने के लिए लाया गया दण्ड प्रक्रिया संहिता संशोधन विधेयक -२०१७ का चैतरफा विरोध हो रहा है। राजस्थान सरकार के इस तुगलकी विधेयक के विरोध में उदयपुर के पत्रकार भी उतर आये। लेकसिटी प्रेस क्लब के बैनर तले पत्रकारों ने आज जिलाकलेक्त्र को इस काले कानून के विरोध में राज्यपाल के नाम ज्ञापन दिया।
‘‘सियासत के हरगिज चहेते नहीं हम, सियासत कब हमें बलम बोलती है। सियासत ने सौंपी है बगावत हमको, उसी की हकीकत कलम बोलती है।’’ राजस्थान के पत्रकार भी कुछ इन्हीं इरादों के साथ महारानी के तुगलकी फरमान के खिलाफ अब पूरजोर विरोध में उतर आए हैं। राज्य सरकार की ओर से पेष किए गया बिल अब सरकार के लिए ही नुकीली कील साबित हो गया है। राज्य की जनता विरोध में आ गई है। वहीं विपक्ष भी इस बिल को पूरी तरह से भुनाने में लगा है। आपको बता दे कि राज्य सरकार द्वारा लाये गए लोक सेवक संरक्षण विधेयक का अब चैतरफा विरोध होने लगा है। सोमवार को जयपुर में सड़क से सदन तक हुए विरोध के बाद मंगलवार को उदयपुर के पत्रकार संगठनो ने भी इस विधेयक को वापस लेने की मांग की। इसी कड़ी में उदयपुर में लेकसिटी प्रेस क्लब और राजस्थान पत्रकार संघ के बेनर तले तीन दर्जन से ज्यादा पत्रकार जिला कलेक्ट्री पर पंहुचे। इस दौरान सभी पत्रकारों ने इस विधेयक के विरोध में जिला कलक्टर को राष्ट्रपति और राज्यपाल के नाम का ज्ञापन सौंपा। पत्रकारों ने मांग की है कि इस विधेयक से पत्रकारिता और पत्रकारों की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता खतरे में पड़ जाएगी। यही नहीं इस विधेयक के पारित होने से पत्रकारिता के अस्तित्व पर संकट के बादल मंडराएंगे। पत्रकारों ने पूरजोर तरीके से इसकी निंदा करते हुए इसे जल्द से जल्द वापस लेने की माग की। इस अवसर पर लेकसिटी प्रेस क्लब के कई पदाधिकारी,पूर्व अध्यक्ष और कई मीडिया समूहों के पत्रकार उपस्थित रहे। जिनमें क्लब के अध्यक्ष रफिक एम पठान, पूर्वध्यक्ष संजय खाब्या, नारीष्वर राव, मनु राव, प्रताप सिंह राठौड़ सहित कपिल श्रीमाली, डाॅ रवि षर्मा, कुलदीप सिंह गहलोत, मोहम्मद इलियास, प्रमोद सोनी, हरीष षर्मा, भुपेष दाधिच, भगवान प्रजापत, विनोद माली, षकील मोहम्मद, प्रकाष मेघवाल, अविनाष जगनावत, जमाल खान, सतीष षर्मा के अलावा जार से जुडे़ कुछेक पत्रकार भी मौजूद थे।

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