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पूर्व और वर्तमान अध्यक्ष के बीच जुबानी जंग

उदयपुर। महाकालेश्वर मंदिर ट्रस्ट द्वारा मंदिर के पीछे की जमीन का प्राकृतिक स्वरूप बिगाड़कर भराव फतहसागर झील में डाला जा रहा है। पिछवाड़े में जो निर्माण करवाया जा रहा है। उसकी कोई आवश्यकता नहीं है। ऐसे आरोप लगाते हुए जिला कलेक्टर और संभागीय आयुक्त को ट्रस्ट के पूर्व अध्यक्ष सहित कई लोगों ने वर्तमान अध्यक्ष व पदाधिकारियों के खिलाफ शिकायत की है।
जिला कलेक्टर को दिए गए ज्ञापन में बताया की मौजूदा ट्रस्ट द्वारा सारे नियमों को ताक में रखकर महाकाल के भक्तों की सहयोग राशि में दिए रुपयों का दुरूपयोग किया जा रहा है। मंदिर में बिना आवश्यकता के निर्माण कार्य करवाए जा रहे हैं। झील संरक्षण क्षेत्र होने के बावजूद भी निर्माण करवाया जा रहा है। मंदिर के पीछे जेसीबी से खुदाई कर भराव झील में डाला जा रहा है। ज्ञापन में यह भी बताया गया कि मौजूदा ट्रस्ट ने मंदिर में कई निर्माण ऐसे करवा दिए हैं जिनकी आवश्यता नहीं थी। वाहनों के आने पर रोक लगा दी है। निर्माण कार्य के लिए भक्तों से जो सहयोग राशि ली जाती है, उसका आज तक मौजूदा ट्रस्ट ने हिसाब-किताब नहीं दिया है।
पूर्व ट्रस्ट के अध्यक्ष दयाशंकर कुमावत ने कहा कि जिला कलेक्टर और संभागीय आयुक्त से मांग की गई है कि ट्रस्ट द्वारा करवाए जा रहे निर्माण कार्यों की जांच की जाए। ट्रस्ट द्वारा किए गए खर्च को सार्वजनिक किया जाए तथा महाकाल मंदिर के आसपास की जमीन का जो प्राकृतिक स्वरूप बिगाड़ा जा रहा है, उस पर रोक लगाई जाए। साथ ही झील में डाले जा रहे भराव को रोका जाए।

> सारे आरोप निराधार है। आज महाकाल मंदिर का विस्तार हो रहा है और बहुत अच्छा काम हो रहा है। ये विस्तार और कार्य कुछ गिने चुने लोगों को अच्छा नहीं लग रहा, जो ऐसे आरोप लगा रहे हैं। उनमें पूर्व अध्यक्ष दयाशंकर कुमावत भी शामिल है, जो अपने कार्यकाल के दौरान महाकाल की संपत्ति को निजी कामों में उपयोग में लिया करते थे। आने वाले समय में मंदिर के पीछे वाली जगह पर घाट बनाया जाएगा, जहां से बोटें संचालित की जाएगी। भक्त बोटिंग का आनंद लेते हुए महाकाल के दर्शन करने आ सकेंगे।
-तेजसिंह सरुपरिया, अध्यक्ष, महाकालेश्वर मंदिर ट्रस्ट

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