पोस्ट न्यूज़। बांसवाड़ा के सब्बलपुरा गांव में मंगलवार को एक हृदय विदारक हादसे में एक माँ अपने दो मासूमों के साथ ज़िंदा जल गयी। आग किन कारणों से लगी इसका अभी तक पता नहीं चला है। पुलिस व् अन्य अधिकारी मोके पर जांच में जुटे हुए है।
हादसा मंगलवार शाम करीब पांच बजे हुआ जब तक दमकल को सूचना देते और दमकल मोके पर पहुंच कर आग पर काबू पाती उसके पहले मां और दोनों मासूम बच्चे जल कर ख़ाक हो गए। मौके पर एसडीएम सहित अन्य पुलिस कार्मिक मौके पर पहुंचे, लेकिन तब तक ग्रामीणों ने आग पर काबू पा लिया था।
पुलिस ने ग्रामीणों से वार्तालाप करने के साथ ही मौके पर साक्ष्य जुटाने के प्रयास किए, लेकिन कोई कारण सामने नहीं आया। इस पर पुलिस ने इसकी सूचना पीहर पक्ष पीहर दाहोद जिले के शंकरपुरा गांव को देने के साथ ही मृतका के पति को दी।
पति महाराष्ट्र में और खुद निजी स्कूल में पढ़ाती थी ग्रामीणों के अनुसार मृतका एवं उसका पति पढ़ा लिखा होने के साथ ही दोनों ने बीएड कर रखी थी, लेकिन यहां नौकरी नहीं मिलने की वजह से रीता का पति विकास मजदूरी के लिए महाराष्ट्र चला गया।
रीता यहां समीप ही टीमेडा गांव में एक निजी विद्यालय में अध्यापिका के पद पर कार्यरत थी जबकि उसकी बेटी जानवी एलकेजी में आम्बापाड़ा में एक निजी विद्यालय में पढ़ती थी। इसके चलते सब कुछ घर में ठीक था।
ग्रामीणों के अनुसार घर में इस तरह का हादसा होगा किसी ने सोचा भी नहीं था, लेकिन इस हादसे से पूरी गृहस्थी बर्बाद हो गई। संसदीय सचिव भीमा भाई डामोर भी मौके पर पहुंचे व परिजनों को सांत्वना दी। इसके साथ ही मृतकों को मुख्यमंत्री सहायता कोष से 50 हजार की सहायता की घोषणा की।</p>
आग की लपटें इतनी भीषण थी कि कवेलूपोश के पास जाना काफी मुश्किलों से भरा था। ग्रामीणों ने जैसे-तैसे करके आग पर काबू पाया। वहीं दमकल घटना के करीब डेढ़ घंटे बाद मौके पर पहुंची। तब तक टापरा तो जला ही साथ में मां एवं उसके बच्चे भी जलकर राख हो चुके थे।
पुलिस के अनुसार घटना स्थल कुशलगढ़ से करीब 17 किलोमीटर दूर है। वहीं रीता का घर मुख्य सडक़ मार्ग से भीतर खेतों में करीब दो किलोमीटर पर स्थित है। इसके अलावा उसके घर तक जाने के लिए किसी प्रकार का रास्ता भी नहीं था। इससे दमकल को मौके पर पहुंचने में काफी समय लग गया।दोपहर में सब ठीक था पुलिस के अनुसार यूं तो रीता के घर के आस-पास कोई घर नहीं था। इससे आग की किसी को जानकारी नहीं लग पार्ई, लेकिन जो घर दूर थे उनके कुछ लोगों ने बताया कि दोपहर को घर में सब ठीक था। रीता बच्चों के साथ बडे़ आराम से थी और वह पंखा चलाकर सो रही थी। घर पर किसी तरह के विवाद की स्थिति भी नहीं थी।

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