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उदयपुर। मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे ने मंगलवार को उदयपुर के क्षेत्रीय रेल प्रशिक्षण संस्थान में नाथद्वारा मंदिर विकास योजना के बारे में नाथद्वारा टेम्पल बोर्ड से संबंधित बैठक ली।
श्रीमती राजे ने कहा कि नाथद्वारा मंदिर का विकास एवं प्रबंधन तिरूपति बालाजी मंदिर की तर्ज पर होना चाहिए ताकि यहां आने वाले श्रद्घालुओं एवं पर्यटकों को कोई परेशानी नहीं होने के साथ उन्हें हर प्रकार की सुविधा मिले।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मंदिर के विस्तार एवं सौंदर्यीकरण का प्रथम चरण पूरा हो गया है। उन्होंने गोवर्धन परिक्रमा, लाल बाग व अन्य स्थानों पर बचे हुए विकास कार्यों को समयबद्घ तरीके से पूरा करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि नाथद्वारा में होने वाले विकास कार्य स्थानीय निवासियों को विश्वास में लेकर करें।
श्रीमती राजे ने कहा कि गोवर्धन पर्वत के सामने स्थित दूसरी पहाडी पर वन भूमि में सुन्दर वृक्षारोपण करवाया जाना चाहिए। मंदिर तक पहुंचने वाले १२० फीट चौडे रास्ते का कार्य भी मई २०१५ तक पूरा कर लिया जाये। उन्होंने कहा कि नाथद्वारा शहर की जनता व यहां आने वाले पर्यटकों और दर्शनार्थियों की सुविधा के लिए सीवरेज योजना को शीघ्र पूरा किया जाये। इससे नदी का पानी भी साफ रहेगा और सीवरेज ट्रीटमेंट प्लान्ट से निकलने वाले पानी का अन्यत्र उपयोग भी किया जा सकेगा।
बैठक के बाद बाहर निकलकर मुख्यमंत्री ने पत्रकारों से कहा की पिछली बार भाजपा सरकार में जो मंदिर के काम शुरू किये थे उनकी क्या स्थिति है इस बारे में आज बैठक बुलाई गई थी और भविष्य में मंदिर के विकास के लिए क्या-क्या करना चाहिए इस बार में चर्चा की गयी।
बैठक में राजसमन्द के सांसद हरिओम सिंह राठौड, विधायक कल्याण सिंह, मुख्य सचिव राजीव महर्षि, अति. मुख्य सचिव (देवस्थान) अशोक शेखर, संभागीय आयुक्त वैभव गालरिया, राजसमन्द कलक्टर के.सी. वर्मा, आर्किटेक्ट निरंजन हीरानंदानी, टेम्पल बोर्ड के निष्पादन अधिकारी जगदीश चन्द्र पुरोहित भी मौजूद थे।

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