rpkgonl010150520146Z57Z46 AMUdaipur नि:शुल्क दवा योजना के तहत मरीजों को अब दवा के लिए ज्यादा देर लाइन में खड़ा नहीं रहना पड़ेगा। सरकार की ओर से करवाई गई समीक्षा में सामने आया है कि दवा काउंटरों पर पूरी सुविधाएं नहीं होने से मरीजों को योजना का पूरा लाभ नहीं मिल पा रहा है। चिकित्सा विभाग इस परेशानी को दूर करने की तैयारी में जुट गया है। विभाग इसके लिए विस्तृत प्लान तैयार कर सीएम के पास भिजवाया जाएगा। प्लान में प्रदेश के करीब-करीब हर अस्पताल में दवा काउंटरों की संख्या दोगुनी करने के साथ ही मेन पावर एवं कम्प्यूटरों की उपलब्धता बढ़ाने पर फोकस किया जा रहा है। संभावना है कि आगामी बजट में इनकी घोषणा कर दी जाएगी।

संख्या बढ़ने की संभावना कम
पिछली सरकार के समय जहां कुछ महीनों में नि:शुल्क दवाओं की संख्या में इजाफा किया जाता रहा। वहीं वर्तमान सरकार दवाओं की गुणवत्तापूर्ण उपलब्धता बढ़ाने पर ही जोर देगी। सूत्रों के अनुसार एसएमएस जैसे अस्पताल में भर्ती गंभीर मरीजों के इलाज के दौरान कुछ हद तक दूसरी दवाइयां लिखने की अनुमति भी डॉक्टरों को दी जा सकती है। अभी छोटे अस्पताल सहित मेडिकल कॉलेज अस्पतालों के डॉक्टरों के लिए भी सूचीबद्ध दवाइयां ही लिखने की अनुमति है। डॉक्टरों के अनुसार इससे मेडिकल कॉलेजों एवं छोटे अस्पतालों के बीच अंतर ही समाप्त हो गया है।

गुणवत्ता बढ़ाने पर रहेगा जोर
सूत्रों का कहना है कि राज्य सरकार दवा योजना में शामिल दवाओं की संख्या में कोई कटौती नहीं करेगी, लेकिन गुणवत्तापूर्ण दवाइयां ही मरीजों को मिले, इसकी पुख्ता व्यवस्था की जाएगी। अभी दवा कंपनियों को निविदा प्रक्रिया में शामिल होने के जो नियम है, उनमें भी बदलाव किया जा सकता है। इसके तहत डॉक्टरों एवं अन्य विशेषज्ञों की कमेटी गठित कर हर मर्ज की दवा के लिए गुणवत्ता के आधार पर उच्चतम कंपनियों को निविदा प्रक्रिया में शामिल कर शेष को बाहर का रास्ता दिखाया जा सकता है।

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