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जयपुर. सिर्फ बहुमत होने से काम नहीं चलता, एकमत होना भी जरूरी है। यह सीख भाजपा को विधानसभा सत्र में गुरुवार को मिली। हुआ यूं कि राजस्थान गुड्स बिल पर चर्चा के दौरान ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री गुलाबचंद कटारिया ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। बिल तो पास हो गया लेकिन हंगामा खूब हुआ।
खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री हेमसिंह भड़ाना ने राजस्थान माल (उत्पादन, प्रदाय, वितरण और व्यापार और वाणिज्य का नियंत्रण) विधेयक 2014 चर्चा के लिए पेश किया। कटारिया ने इसका विरोध किया। घनश्याम तिवाड़ी, राव राजेंद्र सिंह, प्रहलाद गुंजल, जोगाराम पटेल और कांग्रेस के प्रद्युम्न सिंह भी बिल के खिलाफ बोले। यह पहला मामला है जब सत्ता पक्ष के विधायक ही सरकार के खिलाफ हो गए। अपनी सरकार के विधेयक पर मंत्री के विरोध का यह पहला मामला है।
विरोध
अधिकारी लोगों को लूट खाएंगे: कटारिया
आश्चर्य है, आपने तो सारे व्यापारियों को चोर और बेईमान बता दिया। संकल्प पत्र में मूल्य नियंत्रण की बात है लेकिन इसकी आड़ में इस प्रकार का कानून लाया जाए, मैं व्यक्तिगत रूप से सहमत नहीं। कौनसी ऐसी वस्तु है जिसके मूल्य पर 90 दिन में कंट्रोल नहीं किया तो आसमान टूट पड़ेगा। यदि ये कानून केवल बजरी को लेकर लाया गया है तो सिर्फ बजरी के नाम से लाते। सभी वस्तुओं पर लागू करेंगे तो अधिकारी लोगों को लूट खाएंगे।

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