देशी पर्यटको में हुआ इजाप*ा
बढती रेप की घटनाओं से विदेशी पर्यटको का रूझान हुआ कम, सुविधाओं का टोटा

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उदयपुर झीलों की नगरी होने से देश दुनिया के पर्यटन में खासा महत्त्व रखता है। देश के चुनिंन्दा खूबसूरत शहरों में से उदयपुर का स्थान सबसे ऊपर है। हर साल यहां लाखों की संख्या में देसी विदेशी पर्यटक आते है। लेकिन पिछले साथ की तुलना में अगर हम इस साल के पिछले चार महीनो पर नजर डालें तो देसी पर्यटक भले बढे हो लेकिन विदेशी पर्यटकों में कमी आई है।
पर्यटन विभाग के अनुसार २०१३ में जनवरी माह में देसी पर्यटक ४३८१०. विदेशी २२७३३ , फरवरी में ४१७४३ विदेशी २४८४०. मार्च में देसी ४०५२०. विदेशी २१२४६ तथा अप्रेल माह में देसी ३७२७३ और विदेशी ११५२९ पर्यटक आये थे जबकि इसकी तुलना में इस वर्ष जनवरी में देसी पर्यटक में १६४४८ पर्यटकों की बढोतरी के साथ कुल ६०२५८ पर्यटक झीलों की नगरी में आये जबकि विदेशी पर्यटकों में पिछले साल की तुलना में ६३१ पर्यटक कम आये और इनकी संख्या २२१०२ रही फरवरी में भी देशी पर्यटकों में ४५०९ पर्यटकों का इजाफा हुआ कुल ४६२५२ व विदेशी पर्यटकों में इस माह में खासी कमी देखी गयी। जब कि फरवरी माह विदेशी पर्यटकों के हिसाब से मौसम अनुकूल होता है फिर भी पिछले साल की तुलना में ३८७९ पर्यटकों की कमी के साथ २०९६१ विदेशी यहाँ पहुंचे मार्च में देसी पर्यटक ४४१३६ व विदेशी २०८०९ इस माह में भी देसी पर्यटक बढे तो विदेशी घटे अप्रेल में भी देशी पर्यटकों की संख्या ४३००५ रही जो पिछले साल की तुलना में ५७३२ अधिक पर्यटक है इस माह में विदेशी पर्यटकों में आंशिक बढोतरी हुई ११८९२ विदेशी पर्यटक आये जो पिछले साल की तुलना में ३६३ अधिक है ।
विदेशी पर्यटक घटने के कारण : पर्यटन विभाग की डिप्टी डायरेक्टर सुमिता सरोच के अनुसार वैसे तो उदयपुर शहर में जयपुर के बाद सबसे अधिक ट्यूरिस्ट आते है, लेकिन पिछले साल की तुलना में इस साल कम विदेशी ट्यूरिस्ट आये जबकि इस बार अंदाजा था की पिछली बार की तुलना में अधिक आयेगे । सरोच इसकामुख्य कारण बताती है राज्य और देश में होने वाली रेप की घटनाओं को विदेशी मिडिया ने इस बार खूब उछाला जिससे देश के साथ साथ राजस्थान की छवि भी एक तरह से खराब हुई है । और विदेशी पर्यटकों में एक तरह का डर है । दूसरा अक्सर विदेशी पर्यटन टूर्स ऑपरेटर्स और ट्यूरिस्ट एजेंसियों पर अधिक निर्भर करते है । और यह लोग बजाय भारत के इन विदेशियों को और एशियाई देशों में जाने की सलाह देते है । एक मुख्य कारण उदयपुर शहर में विदेशी टयूरिस्टों का काम आना यह भी है, की दूसरे शहरों के मुकाबले यहाँ के थ्री स्टार और फाइव स्टार होटल ज्यादा महंगे है।

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कई सुविधाओं की कमी :
उदयपुर में लगभग १२ ही महीने पर्यटक रहते है । लेकिन उन्हें यहाँ कई असुविधाओं का सामना करना पढता है जिसमे सबसे अधिक अगर परेशानी होती है तो शहर में रात्रि १०. बजे बाद कोई खाने की दूकान रेस्टोरेंट आदि खुला नहीं होता पुलिस प्रशासन कानून व्यवस्था के नाम पर शहर को १०. बजे बाद बंद करवा देती है । जबकी अक्सर १०. बजे के बाद बाहर से आने वाले ट्यूरिस्ट खाने पीने की होटल ढूंढते रहते है । दूसरी बडी समस्या पाबंदियों के बावजूद लपकों का आतंक सुबह से रात देर तक ये लपके टयूरिस्टों के पीछे घूमते रहते है और कई बार अपने कमीशन के चक्कर में घटिया होटल और अन्य घटिया सुविधा उपलब्ध करवा देते है जिससे ये पर्यटक शहर की अच्छी छवि लेकर नहीं जाते । प्रशासन को चाहिए की की देश के कई शहरों में जहाँ खास कर पर्यटक आते है वहां नाईट बाजार की व्यवस्था है यहाँ पर भी करनी चाहिए । और इन लपकों पर पूरी तरह अंकुश लगाना चाहिए ।

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