mahantउदयपुर.एमबी अस्पताल के वार्ड पांच में बुधवार को रेफर टिकट को लेकर परिजन और रेजिडेंट में छिड़ी बहस धक्कामुक्की तक पहुंच गई। मौके पर पहुंचे हाथीपोल चौकी के पुलिसकर्मियों ने दोनों पक्षों को शांत कराया।

परिजनों ने आरोप लगाया है कि रेजिडेंट डॉक्टरों ने रेफर टिकट देने से मना कर दिया, जबकि वे अपने रोगी को अन्य अस्पताल ले जाना चाहते थे। इधर, रेजिडेंट्स का कहना है कि रेफर टिकट किसी भी रोगी को नहीं दिया जाता है। इसके बावजूद हम अन्य जांच रिपोर्ट देने को तैयार थे, लेकिन परिजनों को यह बात समझ नहीं आई। इस घटना से वार्ड में भर्ती अन्य रोगियों में भी दहशत फैल गई।

कब क्या हुआ

रोगी का रेफर टिकट मांगा :

दोपहर 12 बजे वार्ड 5 में डूंगरपुर निवासी काली कल्याण धाम के पुजारी महंत भीम सिंह चौहान भर्ती अपने रोगी में सुधार नहीं होने पर अहमदाबाद ले जाना चाहते थे। उन्होंने रेजिडेंट राकेश चौधरी से रेफर टिकट मांगा। डॉ. चौधरी ने बताया कि रेफर टिकट नहीं दे सकते हैं, वो नियम विरुद्ध है।

नहीं मिलने पर झल्लाए :

12.10 पर चौहान ने फिर रेफर टिकट मांगा और गुस्सा हो गए। ऐसे में उपस्थित अन्य रेजिडेंट्स ने उन्हें चिल्लाने से मना किया तथा अन्य रोगियों का हवाला दिया। चौहान ने किसी न सुनी और रेफर टिकट मांगते रहे। इस दौरान उनके अन्य साथी उपस्थित थे। ऐसे में चौकी पर सूचना दे दी गई।

फिर पहुंची पुलिस :

12.15 पर परिजन और रेजिडेंट के मध्य कहासुनी जोरों पर थी और झड़प शुरू होने ही वाली थी कि हाथीपोल चौकी से आए पुलिसकर्मियों ने दोनों पक्षों को अलग किया। दोनों के साथ समझाइश की। चौहान को रेफर टिकट को लेकर पूरी जानकारी दी गई, तब उनके समझ में सारी बात आई।

वार्ड में सन्नाटा :

12.20 पर घटना के बाद वार्ड में सन्नाटा पसर गया। भर्ती अन्य मरीज एक दूसरे की तरफ दहशत भरी नजरों से देख रहे थे। गौरतलब है कि पूर्व में भी इसी तरह वार्डो में आपसी झगडे हुए हैं, जिनका खामियाजा रोगियों को रेजिडेंट्स की हड़ताल तक चुकाना पड़ा था।

Previous articleउदयपुर में सोने पर 350 रु. और चांदी पर 1200 रु. कम हुए
Next articleगंजे लोगों को ‘दिल की बीमारियों का ख़तरा ज़्यादा’

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here