imagesउदयपुर। हैलो, सुखेर पुलिस स्टेशन, एकंलिगजी रोड पर एक हादसे में तीन लोगों की मौत हो गई। आप जल्दी आ जाइये। पर जब पुलिस एक लिंगजी रोड पहुंची, तो पता चला कि वहां तो कोई ऐसी घटना ही नहीं हुई। इस एक कॉल से शहर में पुलिस प्रशासन व प्रेस में हड़कम्प मचा दिया। ऐसे सैकड़ों फेक कॉल्स से पुलिस वालों का आए दिन सामना होता है। कंट्रोल रूम के १०० नंबर पर भी पुलिसकर्मियों को आए दिन झुठे कॉल्स का सामना करना पड़ता है। यहीं नहीं वहां पर पुलिसकर्मियों को परेशान करने के लिए भी कई कॉल किए जाते हैं।

मेरा मोबाइल रिचार्ज करो

कंट्रोल रूम पर कई बार ग्रामीण इलाकों से ऐसे भी कॉल आते हैं, जिसमें कहा जाता है कि मेरा मोबाइल रिचार्ज करवा दो या फिर उनकी मोबाइल की समस्या बताना शुरू कर देते हैं। समझाने पर भी ऐसे लोग नहीं मानते हैं और फिर कॉल कर देते हैं। फेक कॉल्स की वजह से पुलिस के साथ-साथ दूसरे कॉलर्स को भी परेशानी होती है। ऐसे कॉल्स की वजह से कई बार इंर्पोटेंट कॉल्स मिस हो जाते हैं या कॉलर्स को देर तक वेट करना पड़ता है।

मिलते-झुलते नम्बर भी एक कारण

एक अधिकारी ने बताया कि सभी मोबाइल कंपनियों के टोल फ्री नंबर और पुलिस कंट्रोल रूम के नम्बर मिलते-झुलते होने के कारण भी कई लोगो की कॉल आती है। इन नम्बरों के कारण कई बार पुलिस कंट्रोल रूम पर ही नहीं, बल्कि १०८ की सेवा पर भी फर्जी कॉल चली जाती हैं।

एक माह पूर्व कंट्रोल रूम पर एक व्यक्ति का फोन आया। उस व्यक्ति ने उसकी पत्नी की हत्या की सूचना दी। इस पर पुलिस प्रशासन में अफरा-तफरी मच गई। पुलिस ने तहकीकात की, लेकिन ये सूचना झूठी थी। बाद में पुलिस ने उस नंबर का पता लगाकर फेक कॉल करने वाले के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया।

तीन रोज पूर्व ही एकलिंगजी रोड पर एक हादसे में तीन लोगों की मौत की सूचना सुखेर पुलिस को दी गई, लेकिन पता करने पर यह मामला झूठा निकला। पुलिस ने जब उस व्यक्ति से इस बारे में पूछा, तो पता चला कि हादसा तो हुआ था, लेकिन वहां पर किसी की मौत नहीं हुई थी। बाद में उस व्यक्ति ने पुलिस से माफी मांगी।

फेक कॉल्स एक परेशानी

कंट्रोल रूम पर एक अधिकारी ने बताया कि 100 नम्बर पर शिकायत दर्ज कराने के लिए लगातार लोगों के फोन आते रहते हैं। इस नंबर पर कई लोगों द्वारा पुलिसकर्मियों को परेशान करने के लिए भी कॉल की जाती है, जिससे पुलिसकर्मी परेशान है। साथ ही इन फेक कॉल से इंमरजेंसी कॉल छूट जाती है।

बच्चें करते हैं परेशान

कंट्रोल रूम के एक अधिकारी ने बताया कि बच्चें भी फेक कॉल्स करके परेशान करते हैं। उन्होंने बताया कि सिर्फ ब्लैंक कॉल और अननॉन नम्बर ही नहीं, ऐसे कॉल्स भी आते हैं, जिसमें बच्चे फोन कर उनके टीवी पर कार्टून के आने का समय पूछते हैं। तंग आकर कई बार पुलिस कॉल्स को ट्रेस भी करती है। जिस पर लोग पकड़े भी जाते हैं। पकड़े जाने पर कई बार वो माफी मांगते हैं।

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Contributer & Co-Editor at UdaipurPost.com

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