rubinaउदयपुर। जिस्म नुमाइश कर नामी व्यावसायियों की अश्लील क्लीपिंग बनाने और मुंहमांगी रकम एेंठने के मामले में नया मोड़ आ गया है।
पुलिस की अब तक की जांच-पड़ताल में गिरफ्तार आरोपित रुबीना के जहां घिनौने कृत्य उजागर हुए हैं वहीं कई सफेदपोश लोगों के तार भी उससे जुड़े होने की पुष्टि हुई है और रुबीना को अपराध के दलदल में धकेलने का काम भी उन्हीं सफेदपोश लोगों ने किया है, जो शिकायत लेकर पुलिस के पास पहुंचे थे।
पुलिस जांच में एेसे कई व्यावसायियों के नाम उजागर हुए जो प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से रूबीना के सम्पर्क में रहे हैं। रुबिना के गिरफ्त में आते ही वे परिवादियों के साथ थाने पहुंचे। उन्होंने अपने बयानों में धमकाकर वसूली की बात तो स्वीकारी लेकिन यह नहीं बताया कि वे उसके सम्पर्क में कैसे आए? क्यों पुलिस को इतने समय से शिकायत दर्ज नहीं कराई?
जवाब तक नहीं दे पाई पुलिस
इधर, अदालत में प्रकरण पर हुई सुनवाई में जमानत पर उठे कई प्रश्नों के जवाब पुलिस नहीं दे पाई। इसके बाद अदालत ने एक मामले में रुबिना को जमानत दे दी। गोवर्धन विलास थाने में गत 16 अपे्रल को रफीक मोहम्मद की रिपोर्ट पर रूबीना के खिलाफ धोखाधड़ी व ब्लैकमेलिंग का मामला दर्ज किया गया था।
इसमें रफीक के दर्ज करवाए गए मामले में आरोपित को जमानत मिल गई। व्यवसायी रफीक मोहम्मद ने रिपोर्ट में बताया था कि उसका चालक महमूद उसे रुबिना के पास ले गया। वहां उसे जो शराब पिलाई गई उससे वह अचेत हो गया।
इस दौरान उसके अश्लील फोटो खींचे गए और इसको आधार बनाकर धमकाया। पांच लाख रुपए की मांग की गई। इसी प्रकरण में रफीक का भाई शरीफ भी गवाह बना। उसने भी रुबिना के खिलाफ ब्लैकमेल करने की रिपोर्ट दर्ज करवाई। इसके बाद पुलिस ने उसको गिरफ्तार कर लिया।
नाम उजागर होने का डर
रूबीना के खिलाफ शिकायत दर्ज कराने पहुंचे कई व्यवसायी अपनी पोल खुलती देख मुंह छिपाते फिर रहे हैं। इन्होंने पुलिस से आग्रह किया है कि उनके नाम किसी को नहीं बताए जाएं। जांच में यह भी सामने आया है कि रूबीना एक दशक से इन व्यवसायियों से सम्पर्क में थी।
वे इसका इस्तेमाल अपने फायदे के लिए करते रहे। हेण्डीक्राफ्ट, मार्बल व होटल जैसे बड़े व्यवसायों से जुड़े यह प्रतिष्ठित लोग ऊंचे ओहदों पर कार्यरत हैं। वहीं रुबीना भी अपने महंगे शौक, एेशो आराम की जिंदगी और रोजमर्रा की जरुरतों के चलते इनसे जुड़ी रही। अब उसके बाहर आने से इन सफेदपोशों को भय सताने लगा है।
सात साल पहले रूबीना को ले गए थे मुम्बई
पुलिस जांच में सामने आया कि रुबीना को कई व्यवसायी सात वर्ष पहले मुंबई ले गए थे। वहां उसे एक माफिया के साथ काम करने का प्रलोभन दिया गया। इसके बाद वे उसे कई लोगों से मिलाने लेकर गए। तफ्तीश में एेसे कई तथ्य सामने आए जिनके बारे में पूछताछ करने पर ये व्यवसायी कुछ नहीं बोल पाए।
अधिवक्ता ने खड़े किए पुलिस पर सवाल
परिवादी रफीक व शरीफ बरकत कॉलोनी, सविना के रहने वाले हैं तो उन्होंने एफआईआर में मल्लातलाई का गलत पता अंकित क्यों किया?
रुबिना जिस रिहायशी अपार्टमेंट में रहती थी वहां किसी तरह का मसाज पॉर्लर नहीं है।
अपार्टमेंट में एेसा चल रहा था तो पड़ोसियों के बयान क्यों नहीं लिए गए?
फ्लेट में मसाज से जुड़ा कोई सामान क्यों बरामद नहीं हुआ?
धमकाकर वसूली की तो उसके खाते में जमा राशि शून्य कैसे मिली? फिर फ्लेट का किराया कहां से और कैसे चुकाती थी?
एक परिवादी ने बयान में ब्लैकमेल कर दुपहिया वाहन लेने की बात कही। वाहन का रजिस्ट्रेशन आरोपित के पिता के नाम है, जबकि, प्रेम विवाह के बाद परिजनों ने संबंध तोड़ दिया था?
तफ्तीश व फाइल में वे लोग गवाह हैं जो प्रत्यक्ष रूप से कहीं न कहीं आरोपित से जुड़े हैं। उन्हें ब्लैकमेल किया गया तो पुलिस से नाम छुपाने की गुहार क्यों लगा रहे हैं?
परिवादी रफीक की ओर से दर्ज एफआईआर में घटना की तारीख व समय का उल्लेख नहीं किया गया।

Source – Rajasthan patrika

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2 COMMENTS

  1. koshish krke media ko to sahi jankari batani hi chahiye, kyoki ye safedposh hathi hamesha hi bach jate h ,rubina ko kisne is daldal me ghasita , iske jimedar kon h ,unhe nhi baksa jana chahiye..

  2. इस तरह के मामलो में जो है उसका पर्दा फाश होना चाहिए बड़े लोगो की भी जाँच होनी चाहिए और दोषी होने पर सजा मिलनी चाहिए।

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