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मीणा ने कहा जीता तो सुधारूंगा गलतियां, असंतुष्टों ने कहा ये है नाकाफी
उदयपुर। लोकसभा चुनाव में अपना टिकट पक्का मान चुके उदयपुर के सांसद रघुवीर मीणा इन दिनों नाराज कांग्रेसियों को मनाने में लग गए हैं। श्री मीणा के निवास पर कांग्रेस की विभिन्न कमेटियों के पदाधिकारियों की गुप्त बैठकों का दौर जारी है, जहां से मान मनौवल की जा रही हैं, वहीं कई नाराज कांग्रेसी पदाधिकारियों ने इन बैठकों का बहिष्कार किया है, वहीं कई ने रघुवीर मीणा के माफी मांगने की बात को स्वीकार किया है।
16वीं लोकसभा के लिए सभी पार्टियों ने अपने उम्मीदवारों की घोषणा करना शुरू कर दिया हैं। वहीं कुछ पार्टियों में जिताऊ उम्मीदवार की खोज भी चल रही है। कांग्रेस की तरफ से भी राजस्थान में छह उम्मीदवारों की घोषणा की जा चुकी हैं, जिसमें चित्तौड़ से केंद्रीय मंत्री डॉ. गिरिजा व्यास को दूसरी बार मौका दिया गया है। उदयपुर सीट के लिए सांसद रघुवीर मीणा का नाम लगभग तय माना जा रहा है। इसलिए श्री मीणा के निवास पर पिछले तीन दिनों से कांगे्रसियों की गुप्त बैठकों का दौर जारी है। पता चला है कि सांसद ने अपनी गलतियों की माफी मांगते हुए सभी को साथ रहने की अपील भी की है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा है कि जीत गया, तो सारी गलतियों को सुधारूंगा। रविवार सुबह सभी विधानसभा चुनाव में अपने वार्डों से हारे और जीते हुए कांग्रेस पार्षदों की बैठक आयोजित की गई, जिसमें आधा दर्जन से ज्यादा पार्षदों की अनुपस्थिति रही। बैठक में गए पार्षदों ने बाद में कहा कि सभी रघुवीर मीणा के साथ हैं और अपने वार्डों से जीताने का भरसक प्रयास करेंगे।
पांच साल तक हमें पूछा तक नहीं तो हम अब क्यों साथ दें! : रघुवीर मीणा से नाखुश आधा दर्जन से ज्यादा पार्षदों में से कुछ का मानना है कि पांच सालों तक सांसद ने हमे पूछा तक नहीं, हमारा एक भी काम नहीं किया ना ही कभी वार्ड में आकर जनता से मिले, तो अब हम क्यों साथ दे। जनता से कैसे कांग्रेस के नाम पर वोट मांगेंगे, नाम नहीं बताने की शर्त पर तीन पार्षदों ने कहा कि अगर मीणा को टिकट मिलता है, तो वह गिरिजा व्यास के चुनाव में प्रचार करने जाएंगे।
जिलाध्यक्ष के नाम से लिए गए पैसे किसके पास? : विधानसभा चुनाव के दरमियान जिलाध्यक्ष ने चार हजार रुपए फोटो कॉपी के नाम से लिए थे। यह बात काफी दिनों से चर्चा में हैं, लेकिन शनिवार को रघुवीर मीणा के यहां हुई दिग्गजों की बैठक में इस बात पर खूब हंगामा हुआ। वरिष्ठ कांग्रेसी रामचंद्र मेनारिया की डायरी में इस राशि को जिलाध्यक्ष द्वारा लिए जाने का हवाला है, लेकिन वह पैसे किसके पास है? इसकी पुष्टि अभी तक नहीं हो पाई। भूषण श्रीमाली ने कहा कि दिनेश दवे ने नीलिमा सुखाडिय़ा के घर पर उससे फोटो कॉपी के नाम से पैसे लिए बाद में क्या हुआ? उन्हें नहीं पता। जब दिनेश दवे से पूछा गया तो वह चुप्पी साधे रहे, जबकि नीलिमा ने कहा कि यह दोनों बेवजह मुझे बदनाम कर रहे हैं।
॥मैंने दिनेश दवे को चुनाव के दरमियान चार हजार रुपए दिए थे। दवे ने कहा कि वोटर लिस्टों की फोटो कॉपी के लिए चार हजार रुपए चाहिए। बाद में वह मुझे नीलिमाजी के घर लेकर गया और वहां रुपए लिए थे।
-भूषण श्रीमाली, कांग्रेस कार्यकर्ता
सचिन पायलट उदयपुर आए थे, तब भी मुझ पर लगे आरोप की बात उठाई थी। शनिवार को भी रघुजी के यहां बैठक में यह बात उठाई थी। दिनेश श्रीमाली ने कहा कि रामजी बाऊ जी की डायरी में आपको चार हजार रुपए दिए, इसका हवाला है। बाद में भूषण श्रीमाली ने दिनेश दवे को मेरे नाम से पैसे देने की बात स्वीकारी, लेकिन दवे कुछ नहीं बोला। भूषण श्रीमाली और दिनेश दवे में से किसने मेरे नाम से रुपए लिए, इसकी जांच होनी चाहिए। मुझे बेवजह बदनाम किया जा रहा है, जो काफी गलत है।
-नीलिमा सुखाडिय़ा,जिलाध्यक्ष।
मुझे इस घटना की बारे में कोई जानकारी नहीं है। मैं आपसे बाद में आकर मिलता हूं।
-दिनेश दवे, पूर्व प्रवक्ता शहर

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