poster-palchingiri

परिंदों को मंजिल मिलेगी यक़ीनन
ये फैले हुए उनके पर बोलते है ,
अक्सर वो लोग खामोश रहते है
जमाने में जिनके हुनर बोलते है।

उदयपुर . मशहूर शेर की इस पंक्ति को सिद्ध कर दी उदयपुर के दो होनहार 13 साल के जुड़वां भाइयों ने। पल और चिन नाम के 13 साल के बच्चों ने अपनी लगन और और अपनी सूझ बुझ से अपनी तरह की पलचिन गिरी दिखाई और होलीवूड के बड़े बड़े डायरेक्टरों और प्रोड्यूसरों को टक्कर देती एक घंटे की फिल्म “द एडवेंचरऑफ पलचिन गिरी बिगिन्स” बना डाली। ताज्जुब की बात यह है कि यह फिल्म उन्होंने बिना किसी तकनिकी शिक्षा और फिल्म मेकिंग की व्यावसायिक ज्ञान लिए बिना अपनी सुझबुझ और समझ के साथ बना डाली। इन बच्चों ने तकनीक और स्पेशल इफेक्ट से भरपूर साइंस फिक्शन फिल्म सिर्फ खुद का ज्ञान बढ़ा बढ़ा कर बनाई। बच्चों की इस कला को निखारने का काम किया उनके अपने माता पिता ने जिन्होंने अपने बच्चों की इस कुदरती और विलक्षण प्रतिभा को पहचाना और उसको बढ़ावा दिया। आज वह फिल्म बन कर तैयार हो गयी है सिर्फ फिल्म के का म्यूजिक का काम उन्होंने मुम्बई से करवाया है बाकी सारी फिल्म उन्होंने खुद शूट किया जिसके डायरेक्टर और एक्टर वे खुद बने साथ में इस फिल्म में उनकी माँ मंजू वर्धमान और उन्हीके के कुत्ते टाइगर ने भी काम किया है। यह फिल्म 14 जनवरी को यू ट्यूब चेनल के जरिये विश्व भर में रिलीज़ होने वाली है।

फिल्म की सबसे बड़ी खासियत यह है कि वह किसी भी नज़रिए से किसी होलीवूड की विज्ञान फिक्शन पर आधारित बनी फिल्म से कम नहीं है। जहां करोड़ों डॉलर खर्च कर के होलीवूड की स्पेशल इफेक्ट्स की फिल्म बनाई जाती है। वहीँ
दूसरी तरफ इन बच्चों ने यह फिल्म मामूली बजट के साथ अपने घर के अन्दर ही सिमित संसाधनों और नार्मल केमरों की मदद से बनाई है। चाहे तकनिकी से उड़ने वाले जूते हो या हवा में सेर करते ये बच्चे, हर तरह का स्पेशल इफेक्ट और
टेक्नोलोजी से भरपूर मनोरंजक फिल्म है।

palchingiriदोनों बच्चों की माँ मंजू वर्धमान ने बताया कि यह फिल्म “द एडवेंचर ऑफ पलचिन गिरी बिगिन्स” का निर्माण 90 प्रतिशत घर में हुआ है। मंजू वर्धमान ने बताया कि बच्चों ने घर पर ही नार्मल केनन के कमरे की मदद और नार्मल घर की ही लाइट्स को अपनी सुझबुझ के साथ यूज किया। जितने भी इफेक्ट डाले वे उन्होंने खुद ही अपने घर के पीसी से ही डाले। मंजू ने बताया कि बच्चे जब 10 साल के थे तब से उन्होंने इस फिल्म पर काम करना शुरू कर दिया था। फिल्म का ट्रेलर देख कर ही लगता है बच्चों ने अपनी इस फिल्म के लिए काफी मेहनत की साथ ही बच्चों के मातापिता को सबसे अधिक श्रेय जाता है, जिन्होंने अपने बच्चों की इस कुदरती और छुपी हुई प्रतिभा को पहचाना। उन्होंने इसको पूरा बढ़ावा देते हुए उनके लिए सारे संसाधन जुटाए। दोनों बच्चे 8 वीं और 9 वीं में स्कूल भी नहीं गए इसी फिल्म पर काम करते रहे वे घर पर रह कर पढाई करते, इसमें उनकी स्कूल सीडलिंग पब्लिक स्कूल ने भी काफी योगदान दिया जिन्होंने घर पर ही ट्यूशन की व्यवस्था की और परीक्षा ली।
यह पलचिन गिरी 14 जनवरी को यु ट्यूब के जरिये वर्धमान सिने क्राफ्ट इन्कोर्पोरेशन के बैनर तले पुरे विश्व भर में रिलीज़ की जायेगी। जिन्होंने इस फिल्म का फर्स्ट लुक देखा है उनका कहना है कि दोनों बच्चे पुरे विश्व भर में उदयपुर का नाम रोशन करेगें। विशेषज्ञों का कहना है कि सिर्फ फिल्मे देख देख कर फिल्म बनाना सीखना और फिर पूरी एक टेक्नोलोजी से भरपूर फिल्म बना देना अपने आप में बहुत बड़ी सफलता और आश्चर्य की बात है।

“द एडवेंचर ऑफ पलचिन गिरी बिगिन्स” फिल्म का ट्रेलर 

Previous articleऑटो चालकों द्वारा छेड़छाड़ से आक्रोशित छात्राओं ने कॉलेज गेट बंद कर की नारेबाजी और प्रदर्शन
Next articleजयसमंद की पाल पर शिव मंदिर के सामने हुआ अष्लीलता का नंगा नाच – मेवाड़ को शर्मसार करने की हुक्मरानों ने कैसे दे दी अनुमति ?

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here