DSC09001-300x273उदयपुर । शहर के करीब करीब हर आवासीय मोहल्ले, कोलोनी में कई व्यावसायिक काम बैंक कारखाने उद्योग चल रहे है।लेकिन निगम कल अम्बामाता स्थित पी.एल.सुखवाल के मकान में भारतीय स्टेट बैंक की शाखा को निशाना बना कर सीज करने दल बल के साथ पहुच गया हलाकि विरोध के चलते १५ दिन का नोटिस देकर बेरंग लोटा लेकिन शहर आवासीय बस्ती में सेकड़ों व्यावसायिक प्रतिष्ठानों को छोड़ किसी एक ही पर कार्यवाही नगर निगम की कार्य शैली पर सवालिया निशान लगाती है और यह क्लार्य्वाही किसी एक व्यक्ति विशेष के खिलाफ उसको परेशां करने या अपनी निजी दुश्मनी निकालने जैसा लगता है ।

 

आस पास ही कई व्यावसायिक गतिविधिया अनदेखी :

अम्बामाता में जहाँ भारतीय स्टेट बैंक की शाखा को सीज करने निगम का दस्त पंहुचा वही आस पास करीब बीसियों मकान में व्यावसायिक गतिविधियाँ चल रही है, एक बड़े भाजपा नेता के टाइल्स का एक्सपोर्ट का गोदाम भी उन्ही के घर में है, जहाँ से दिन रात पाकिंग व् अन्य व्यावसायिक काम होते है, और तो और वहीँ पास में यूको बैंक और मेवाड़ ग्रामीण आंचलिक बैंक भी आवासीय मकान में ही चल रहजे है इसके अलावा आरएसइबी का ऑफिस भी मात्र कुछ ही फासले पर है।

आवासीय कोलोनी में बैंक का उद्घाटन खुद महापोर ने किया :

अगर हम आवासीय कोलोनी में बैंक की ही बात करें तो नगर निगम महापौर ने सभापति बनने के बाद सि. १४ स्थित १०० फिट रोड पर ही नगर परिषद् की पार्षद और तत्कालीन निर्माण समिति की अध्यक्ष किरण जैन के वार्ड में उन्ही के बैंक महिला सम्रद्धि बैंक का सभापति रजनीडांगी, विद्यायक गुलाबचंद कटारिया ने उद्घाटन किया था। और हैरानी की बात तो यह है की जिस भवन में यह बैंक चल रहा है, उसमे सामने के अलावा साइड में कही भी सेड बैक भी नहीं छुटा हुआ है। तब भी आज तक कोई कार्यवाही नहीं हुई और ऐसे निर्माणों को महापौर की सर परस्ती हासिल है ।

 

इनका कहना है। …………….

शहर में अन्य बैंकों व् आवासीय कोलोनियों में चल रहे व्यवसायिक प्रतिष्ठानों पर कार्यवाही होनी चाहिए में आयुक्त से बात करुगा इस सम्बन्ध में की एक ही पर क्यों अन्य पर क्यों नहीं क्लार्य्वाही की गयी। ……. क्षेत्रीय पार्षद दुर्गेश शर्मा

 

कल की गयी कार्यवाही व्यग्तिगत थी और अगर इस तरह की कार्यवाही करनी है तो एक रणनीति बना कर शहर में सभी के खिलाफ करनी चाहिए न की किस एक व्यक्ति विशेष के खिलाफ। … दिनेश श्रीमाली। .नेता प्रति पक्ष

 

एक ही को निशाना बना कर कार्यवाही करना किसी एक व्यक्ति विशेष को लाभ देने जैसा लगता है और इसमें कही न कही भ्रष्टाचार की आशंका होती है शहर में सेकड़ों जगह ऐसे बैंक चल रहे है। … पार्षद अजय पोरवाल

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