32nd MMFAA Logoउदयपुर, महाराणा मेवाड़ चेरिटेबल फाउण्डेशन, उदयपुर के 32वें वार्षिक सम्मान समर्पण समारोह 2013 के राज्य स्तरीय अलंकरणों की घोषणा बुधवार को की गई। आगामी 3 मार्च 2013, रविवार सायं 4 बजे फाउण्डेशन के अध्यक्ष एवं प्रबंध न्यासी श्रीजी अरविन्द सिंह जी मेवाड़ सिटी पैलेस प्रांगण उदयपुर में आयोजित विशेष समारोह में राज्य की इन विभूतियों को अलंकृत करेंगे। महाराणा मेवाड़ चेरिटेबल फाउण्डेशन, उदयपुर अपने लक्ष्य एवं उद्देश्यों के अनुरूप अब तक 31 वार्षिक सम्मान समारोहों के तहत देश-विदेश के विभिन्न क्षेत्रों की 3832 विभूतियों एवं मेधावी विद्यार्थियों को सम्मानित कर चुका है।

महाराणा मेवाड़ चेरिटेबल फाउण्डेशन, उदयपुर के 32वें वार्षिक सम्मान समर्पण समारोह के संयोजक डॉ. मयंक गुप्ता ने बताया किफाउण्डेशन द्वारा राज्य स्तर पर दिये जाने वाले अलंकरणों के अन्तर्गत इस वर्ष समाज में शैक्षिक, चारित्रिक, नैतिक, सामाजिकएवं आर्थिकउत्थान हेतु दी जाने वाली स्थायी मूल्य की सेवाओं के तहत दिया जाने वाला ‘‘महाराणा मेवाड़ सम्मान’’ मानव विज्ञान केविशिष्ट शोध क्षेत्र में अर्जित अन्तरराष्ट्रीय उपलब्धियों केसम्मान में जोधपुर निवासी डॉ. सुरेन्द्रमल मोहनोत तथा ज्योतिष कर्म क्षेत्र के समाज सेवाधर्मी जयपुर निवासी पं. पुरुषोत्तम गौड़ को उनके जल संग्रहण के भागीरथी प्रयत्न के लिए प्रदान किया जाएगा। पं. गौड़ ने सैंकड़ों शिवालयों में जलाभिषेक से व्यर्थ बह जाने वाले जल का संरक्षण करने के लिए मंदिरों में वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम की एक नई पहल की है।

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संयोजक डॉ. गुप्ता ने बताया किफाउण्डेशन द्वारा दिये जाने वाले राज्यस्तरीय अन्य अलंकरणों के तहत ज्योतिष, वेद एवं कर्मकाण्ड में श्रेष्ठ योगदान के लिये जयपुर के जगद्गुरू रामानन्दाचार्य राजस्थान संस्कृत विश्वविद्यालय के उप-कुलपति प्रो. रामानुज देवनाथन एवं अजमेर के वयोवृद्ध पं. सत्यनारायण शास्त्री को ‘‘महर्षि हारीत राशि सम्मान’’ प्रदान किया जाएगा। ज्योतिष एवं वैदिक संस्कृति के प्रकाण्ड पंडित एवं संस्कृत, तमिल, हिन्दी, अंग्रेजी, तैलगु, कन्नड़, मलयालम केसाथ ही उडिय़ा भाषा केज्ञाता व्याकरण शिरोमणि प्रो. देवनाथन संस्कृत अध्यापक से शुरू कर राजस्थान के एकमात्र संस्कृत विश्वविद्यालय के सर्वोज्ज पद पर कार्यरत है। आप वैदिकएवं संस्कृत शिक्षा केउत्थान के लिए पूर्ण रूप से समर्पित हैं तथा आपने अनेकानेक पुस्तकों का सृजन लेखन व सम्पादन किया है। इनके साथ ही राजकीय सेवा को त्याग भारतीय संस्कृति को जीवंत रखते हुए समाज को वैदिकसंस्कृति से जोडऩे हेतु ज्योतिष, कर्मकाण्ड एवं पौरोहित्य को चुनते हुए पं. सत्यनारायण शाी ने अनेकों शिष्यों को इसकी सफल शिक्षा-दीक्षा प्रदान की है।

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भारतीय संस्कृति, साहित्य व इतिहास के क्षेत्र में दिये जाने वाले ‘‘महाराणा कुम्भा सम्मान’’ के तहत इतिहास के क्षेत्र में दिल्ली में जन्मी और जयपुर में पली-बढ़ी इतिहासकार, पुरावेत्ता एवं लेखक डॉ. रीमा हुजा को इतिहास के शोधपूर्ण लेखन हेतु तथा राजस्थान के जाने माने साहित्यसृजक श्याम सुन्दर भट्ट को प्रदान किया जाएगा।

महाराणा मेवाड़ चेरिटेबल फाउण्डेशन द्वारा ललित कला के क्षेत्र में दिया जाने वाला ‘‘महाराणा सज्जनसिंह सम्मान’’ इस वर्ष हस्तशिल्प नक्काशी को अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर राजस्थान का नाम रोशन करने वाले जयपुर निवासी पृथ्वीराज कुमावत को प्रदान किया जाएगा। श्री कुमावत लकड़ी, धातु के साथ रत्न-पत्थरों पर बारीक नक्काशी एवं महीन कटाई में सिद्धहस्त है।

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संगीत के क्षेत्र में दिया जाने वाला ‘‘डागर घराना सम्मान’’ भारतीय शास्त्रीय संगीत की प्रथम व्यावसायिक तबला-वादक पंडिता अनुराधा पाल को प्रदान किया जाएगा। युवा पंडिता पाल ने भारत के अनेको ख्यातनाम संगीतकारों के साथ राष्ट्रीय एवं अन्तरराष्ट्रीय कार्यक्रमों में अपने हुनर का परिचय दिया है।

आदिवासी समाज केउत्थान के लिए दिया जाने वाला ‘‘राणा पूंजा सम्मान’’ इस वर्ष मेवाड़ की खेरवाड़ा तहसील में सुदूर पिछड़े आदिवासी अंचल में शिक्षा की अलख जगाने वाले सागवाड़ा पाल ऋषभदेव के कर्मठ और जागरूक शंकर लाल दामा के साथ ही आदिवासियों में व्याप्त अशिक्षा, गरीबी एवं कुपोषण के खिलाफ लडऩे वाली मही सागर फाउण्डेशन की संस्थापक अध्यक्ष श्रीमती प्रकृति खराड़ी को प्रदान किया जाएगा।

महाराणा मेवाड़ चेरिटेबल फाउण्डेशन द्वारा राज्य के खिलाडिय़ों को दिये जाने वाले ‘‘अरावली सम्मान’’ से जयपुर की युवा निशानेबाज अपूर्वी चंदेला एवं मेवाड़ को अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने वाले शक्तितोलक राजस्थान पुलिस सेवा में कार्यरत भूपेन्द्र कुमार व्यास को सम्मानित किया जाएगा।

इन अलंकरणों से सम्मानित होने वाली विभूतियों को पच्चीस हजार एक रू., रजत तोरण, शॉल एवं प्रशस्तिपत्र भेंट किये जायेंगे।

डॉ. गुप्ता ने बताया कि फाउण्डेशन द्वारा इस वर्ष अपनी विशेषताओं से सभी का ध्यान अपनी ओर आकृष्ट करने वाले मेवाड़ के दो अलग-अलग हुनरमंदों चमन सिंह चौहान एवं विनय भाणावत को विशिष्ट अलंकरण प्रदान किये जाएंगे। श्री चौहान मेवाड़ अंचल में वन्यजीवों केसंरक्षण केलिए जाना पहचाना नाम है वहीं भाणावत ने भारतीय मुद्रा को उनके युनिक नम्बरों के साथ संग्रहित कर अपनी एक अलग पहचान बनाई है।

इन अलंकरणों से सम्मानित होने वाली विभूतियों को ग्यारह हजार एक रू., मेडल, शॉल एवं प्रशस्तिपत्र भेंट किये जायेंगे।

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