DSC_8945उदयपुर, इण्डियन सोसायटी फॉर ट्रेनिंग एण्ड डवलपमेन्ट (आई एम टी डी) के रजत जयन्ती वार्षिक समारोह में आई आई एम अहमदाबाद के प्रोफेसर र एवं मान संसाधन विकास के जनत प्रो टी वी राव ने अपने मुख्य उद्बोधन में जोर दे कर कहा कि आज मानव संसाधन प्रबन्ध एक ऐसा गुण है जो प्रत्येक व्यक्ति के लिए, प्रत्येक कार्य के लिए,प्रत्येक संगठन के लिए सफलता की कुंजी है। आज के ’जने वाई’ प्रबन्धक जो कि नवाचारएवं त्वरित कार्य निष्पादन में सक्षम है ऐसे प्रबंधकको एक सदी आगे की सोच रख कर पूरी मानवता को उच्च शिखर पर ले जाना चुनौतीपूर्ण है।

मुख्य अतिथि डॉ एके बाल्यान, प्रबन्ध निदेशक पेट्रोनेट ने कहा कि अपने पुराने चोले से निकल कर एच आर डी ने प्रबन्ध मण्डल में अपना नया एवं अनूठा स्थान प्राप्त किया है।

दो दिवसिय मानव संसाधन समागम में देश के १२० दिग्गजों ने श्रिकत की। इससे पूर्व आई एस टी डी राष्ट्रीय कार्यकारिणी एवं राष्ट्रीय डिप्लोमा बोर्ड की मीटिंग भी हुई।

योजना आयोग के मुख्य सलाहकार डॉ उद्देश्य कोली ने अपने उद्घधन में आगामी अन्तर्राष्ट्रीय संगोष्ठि की घोषणा कीं

DSC_8923मानव संसाधन के नये आयाम में डॉ नन्दितेश ने व्यक्ति का बुद्घि एवं रचनात्मकता एवं कार्यनिष्ठा में एकीकरण पर जोर दिया सत्र में जेन वाई में टाइम्स वार्नर के एशिया प्रमुख दिलिप जैन ने कार्य में लगन एवं मूल्यांकन के आयाम पर जोर दिया तो जे एस चौहान ने नेतृत्व दद्वारा नई पीढी के हाथ थामने एवं विश्वास जमाने की बात कही। वैभव गर्ग ने ताज कोरल रीफ मालदीव्स के अनुभव बांटे।

शिक्षा एवं उद्योग में अन्र्तसंबंध पर डॉ शकिल बसराई ने पेनल डिसकशन के जरिये कई प्रायोगित तारीकों की अलख जगाई तो श्रम मंत्रालय के मुख्य सूत्रधार ए जे अमलन ने अपने संवेदनात्मक उद्बोधन में राष्ट्रीय स्तर की कौशल नीति पर प्रकाश डाला।

एक ताजगी भरी सोच की वकालत प्रो मोहम्मद मसूद ने की एवं कहा कि आज शिक्षा को सिर्फ नौकरी का जरिया बनाना एक विडम्बना है नए एवं छोटे परन्तु अति विशिष्ट प्रशिक्षण के द्वारा ही कुछ बदलाव अपेक्षित है।

समापन उद्बोधन में आस्टे्रलिया के डॉ रवि सुब्रमन ने वैश्विक स्तर पर आई कौशल मंदी पर ध्यानाकर्षित किया एवं कहा कि भारत के मानव संसाधन को विश्व पटल पर ले जाना उनका मकसद है एवं वे आस्ट्रेलिया सरकार एवं भारत सरकार के गठबंधन के जरिए कौशल विकास को आगे बढाने में सक्षम हुए है।

मुख्य अतिथि प्रो विनयशील गौतम,प्रोफ़ेसर इमरिटस आई आई टी दिल्ली ने आज सही निर्णयन में भारत में लगने वाले समय को सबसे अधिक कष्टदायी बताया एवं उन्होंने जोर देकर कहा कि पुरानी सोच एवं नई सोच को हाथ में हाथ लेके चलना होगा, कार्यनिष्पादन की विधा बदलनी होगी तभी समय की चाल पकड विकास की दिशा निर्धारित होगी।

Previous articleउदयपुर में हर्षोल्लास से मना गणतंत्रा दिवस समारोह,प्रभारी मंत्री महेन्द्रजीत सिंह मालविया ने किया ध्वजारोहण
Next articleआठ वचनों के साथ हुआ 27 जोडों का सामूहिक विवाह
Contributer & Co-Editor at UdaipurPost.com

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here