electricity-meter-640x480-300x225उदयपुर। अजमेर डिस्कॉम अब बिजली के बिल में उपभोक्ता के मीटर की फोटो प्रकाशित करेगा। इस कवायद का मकसद उपभोक्ताओं की उस शिकायत को दूर करना है, जिसमें वह कहता है कि मीटर में रीडिंग कुछ है और बिल में कुछ और। प्रारंभिक चरण में इसे 30 शहरों में लागू किया जाएगा। रिस्ट्रक्चर्ड एक्सीलेंस पावर डवलपमेंट रिफॉर्म प्रोग्राम (आरएपीडीआरपी) के तहत उदयपुर सहित अन्य शहरों में बिलिंग की नई व्यवस्था मार्च में शुरू होने की उम्मीद है। इसके लिए एचसीएल ने विशेष सॉफ्टवेयर तैयार किया है। अजमेर डिस्कॉम के अधिकारियों के अनुसार उदयपुर शहर में यह व्यवस्था जल्द लागू होगी।
मीटर स्कैन होते ही बन जाएगा बिल
रीडिंग लेने वाले मीटर रीडर के पास स्मार्ट मोबाइल फोन होगा। इसमें विशेष सॉफ्टवेयर रहेगा। रीडर मोबाइल से मीटर को स्कैन करेगा। रीडिंग के आंकड़े भी स्कैन हो जाएंगे। साथ ही उसकी फोटो भी ली जाएगी। दोनों उस सॉफ्टवेयर में अपलोड होंगे। हालांकि रीडर मैन्युअल रीडिंग भी सॉफ्टवेयर में फीड कर भेजेगा। यह मोबाइल के नेट से सीधे ही बिल के मास्टर सर्वर पर ट्रांसफर हो जाएगा। इस तरह ऑनलाइन बिल जनरेट होगा। बाद में डिस्कॉम उपभोक्ता के घर हार्ड कॉपी भेजेगा।
रीडिंग में नहीं होगी हेराफेरी
अक्सर उपभोक्ताओं की शिकायत गलत मीटर रीडिंग को लेकर होती है। शहर में हर माह करीब तीन सौ ऐसी शिकायतें दर्ज होती हैं। कई बार रीडर सांठगांठ के उद्देश्य से कम रीडिंग दर्ज कर उपभोक्ता को फायदा भी पहुंचाता है। ऐसे मामलों का खुलासा रीडर बदलने पर हो जाता है। नया रीडर पूरा बैकलॉग रीडिंग दर्ज कर लेता है। इससे उपभोक्ता का बिल एकदम बढ़ जाता है। फिर मीटर खराब होने की शिकायत शुरू हो जाती हैं। इसके चलते हर माह शहर में पांच हजार से ज्यादा मीटर बदलने पड़ते हैं, जो इस सुविधा के बाद नहीं करने पड़ेगे।

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