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उदयपुर, युवा के प्रेरणास्पद स्वामी विवेकानंद की जयंती पर शहर में भव्य शोभायात्रा निकाली गई। शोभायात्रा की विशाल रूप को देखते हुए इसे चार भागों में विभक्त किया गया था। चारों शोभायात्रा को महासंगम सूरजपोल चौराहे पर हुआ। जहां से शोभायात्रा टाउनहॉल पहुंची और वहीं पर समापन समारोह का आयोजन हुआ।

स्वामी विवेकानंद साद्र्घशती समारोह समिति के तत्वावधान में आयोजित इस शोभायात्रा की शुरूआत पटेल सर्कल से प्रात: १०.४५ बजे हुई। शोभायात्रा को पूर्व गृहमंत्री एवं नगर विधायक गुलाबचंद कटारिया एवं आलोक संस्थान के संस्थापक श्याम कुमावत ने केसरिया पताका दिखा रवाना किया। पटेल सर्कल से प्रारंभ यात्रा न्यू रेलवे स्टेशन, उदियापोल होते हुए सूरजपोल पहुंची। शोभायात्रा में हजारों की संख्या में शहरवासी एवं स्कूल बालक-बालिकाओं ने भाग लिया।

दूसरी शोभायात्रा प्रात: ११ बजे बी.एन. संस्थान से प्रारंभ हुई जिसे सुरेशगिरी महाराज एवं बी.एन. संसान के निरंजन नारायण सिंह ने रवाना किया। बी.एन. ग्राउण्ड से प्रारंभ शोभायात्रा का कुम्हारों का भट्टा स्थित गुरूद्वारे पर सिख समाज मुखियाओं द्वारा पुष्प वर्षा कर स्वागत किया गया।

तीसरी शोभायात्रा भूपालपुरा ग्राउण्ड से प्रारंभ हुई। जिसे विजयलाल तालिया, प्रभुदास पाहुजा ने प्रारंभ की। यात्रा भूपालपुरा ग्राउण्ड से रवाना होकर शास्त्री सर्कल होते हुए सूरजपोल पहुंची।

चौथी शोभायात्रा जगदीश चौक से रवाना हुई जिसे खास औदी के महंत परम प्रयागगिरी महाराज एवं मेलडी माताजी के महंत विरमदेवी महाराज तथा मेवाड क्षत्रिय महासभा के शक्ति सिंह कारोई के नेतृत्व में भगवान जगन्नाथ स्वामी की पूजा अर्चना कर तथा विवेकानंद के चित्र पर माल्यार्पण व पुष्प अर्पित कर प्रारंभ हुई।

इन चारों शोभायात्रा का महासंगम सूरजपोल चौराहे पर हुआ जहां से शोभायात्रा ने एक विशाल रूप धारण कर लिया। विशाल शोभायात्रा सूरजपोल चौराहे से सीधी टाउनहॉल पहुंची जहां शोभायात्रा का समापन हुआ।

शोभायात्रा में स्कूली बच्चे स्केटिंग के करतब दिखाते हुए चल रहे थे जिनके पीछे घोडों पर स्वामी विवेकानंद के प्रतिरूप में बिराजित थे। साथ ही अखाडा, गवरी प्रदर्शनी एवं साहसिक करतब दिखाते हुए युवा चल रहे थे।

झांकियां बनी आकर्षण: शहर में निकली शोभायात्रा में विभिन्न समाजों एवं संगठनों द्वारा झांकियां सम्मिलित की गई जिसमें विवेकानंद बने युवा व बच्चे, एकलिंगनाथ जी की झांकी, भारत माता की झांकी, महाराणा प्रताप की झांकी, आदर्श परिवार की झांकी, कलश यात्रा, एनएसएस की झांकी, शहीदों को नमन की झांकी, कश्मीर के शहीदों की झांकी विशेष आकर्षण का केन्द्र रही।

दुग्धाभिषेक: श्री राम बजरंग सेना की ओर से आयड पुलिया स्थित स्वामी विवेकानंद की १५०वीं जयंति पर कार्यक्रम आयोजित किया गया। संस्थापक ख्यालीलाल रजक के नेतृत्व में विवेकानंद की प्रतिमा पर ११ लीटर दूध से प्रतिमा का दुग्धाभिषेक किया गया। इस अवसर पर उपस्थित कार्यकर्ताओं के समक्ष विवेकानंद की जीवनी पर प्रकाश डाला गया।

 

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