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उदयपुर। अब वह दिन दूर नहीं जब इस ऐतिहासिक शहर में कई मानव अंगों को प्रयोगशाला में उगाकर प्रत्यारोपित किया जा सकेगा। यह कार्य भीलों का बेदला में स्थापित पेसिफिक मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पीटल में होगा।
पिछले दिनों क्रमददगारञ्ज ने पेसिफिक मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पीटल के संचालक राहुल अग्रवाल से क्रकार्ड ब्लड बैंकञ्ज स्थापित कर उदयपुर को चिकित्सा क्षेत्र में विश्व स्तरीय पहचान दिलाने का अनुरोध किया था, जो उन्होंने स्वीकार कर लिया है। इसके तहत आर्गन डोनेट करने वालों के ऑर्गन भी सुरक्षित रखे जा सकेंगे। साथ ही क्रकार्ड ब्लडञ्ज भी जमा किया जाएगा। क्रकार्ड ब्लडञ्ज शिशु के जन्म के बाद नाभिनाल में रहता है, जिसे प्रसव के बाद फेंक दिया जाता रहा है। नई तकनीक ने अब गर्भनाल में पाए जाने वाले क्रकार्ड ब्लडञ्ज को २० साल तक सुरक्षित रखा जाना संभव कर दिया है। इसमें शिशु के क्रस्टेम सेलञ्ज होते हैं, जिनसे टूटे-फू टे अथवा खराब हो जाने वाले अंगों को नये सिरे से उगाकर प्रत्यारोपित किया जाता है। यह मेडिकल इंजीनियरिंग की एक आधुनिक शाखा है।
इस क्षेत्र में काम करने वाले चिकित्सा इंजीनियरों ने क्रएसोसिएशन ऑफ सेल बैंक्स ऑफ इंडियाञ्ज का गठन भी कर लिया है। इस संस्था से देश के विभिन्न भागों में १५ प्राइवेट क्रसेल बैंक्सञ्ज जुड़ गए हैं, जिनमें १६ लाख यूनिट क्रकार्ड ब्लडञ्ज स्टोर हो चुका है।
उल्लेखनीय है कि क्रकार्ड ब्लडञ्ज से प्राप्त स्टेम सेल्स का उपयोग ल्युकेमिया, लिम्फोमा, थेलेसीमिया समेत ८० से अधिक बीमारियों के उपचार में भी होता है।

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