उम्र भर लड़ता रहा, मुंह की कभी खाई नहीं ….

अन्ना जैसा एक मर्द यदि अपनी पर आए….

मंत्री बनकर भंवरी के संग इश्क लड़ाने निकले हैं…

उदयपुर, । महावीर युवा मंच द्वारा महावीर जयंती के उपलक्ष्य में शनिवार रात को भारतीय लोक कला मण्डल के मुक्ताकाशी रंगमंच पर अखिल भारतीय हास्य-शृंगार-वीररस कवि सम्मेलन रसवर्षा 2012 का आयोजन किया गया जिसमें ख्यातनाम कवियों ने एक से बढक़र एक कविताएं पेश कर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।

कवि सम्मेलन में मनासा से आए मशहूर लेखक और रेशमा और शेरा के गीत लिखने वाले बालकवि बैरागी ने श्रोताओं की नब्ज पर हाथ रखते हुए अपने शब्दों के बाणों को दागा और समां बांध दिया। उन्होंने मैं तुम्हारी देहरी का दीप हूं, दीपमान हूं, घोर तप से मानवी संग्राम का प्रतिमान हूं, उम्र भर लड़ता रहा, मुंह की कभी खाई नहीं, आज तक तो हूं विजेता पीठ दिखलाई नहीं, दीनता औ दम्भ से रिश्ता कभी पाला नही, आपका आदेश मैंने आज तक टाला नहीं कविता प्रस्तुत कर खूब दाद पाई।

गाजियाबाद से आए कवि अर्जुन सिसोदिया ने खून के छींटे लगे हैं अम्न की तस्वीर में, धार इतनी हो गई है जुर्म की शमशीर में, और इस आवाम में आवाज है ना शोर है, बुझदिली किसने लिखी ये मुल्क की तकदीर में सुनाकर श्रोताओं को रस विभोर कर दिया।

भोपाल की अंजुमन रहबर ने ये किसी का नाम नहीं होता, ये किसी धाम का नहीं होता, प्यार में जब तक नहीं टूटे दिल किसी काम का नहीं होता तथा है अगर प्यार तो मत छुपाया करो, हमसे मिलने सरेआम आया करो कविता पेश कर श्रोताओं का भरपूर मनोरंजन किया।

ईटावा से आए कमलेश शर्मा ने सोये भारम में नवीन ऊर्जा भर देता है, भ्रष्ट व्यवस्था के विरोध को भी स्वर देता है, अन्ना जैसा एक मर्द यदि अपनी पर आए, दिल्ली तक को भी घुटनों के बल कर देता है सुनाकर श्रोताओं की खूब दाद लूटी।

धार से आए संदीप शर्मा ने एक धर्म जो पूजे बंदर भालु कछुए मछली को, एक धर्म जो जगह दे रहा सबको असली नकली को, एक धर्म जो तुलसी पूजे नदियों को त्राता माने, एक धर्म जो नदी पूजे गायों को …. तथा अरे त्याग का रंग राष्ट्र कलंकी नहीं हो सकता, कुछ भी हो जाए भगवा आतंकी नहीं हो सकता कविता प्रस्तुत की और वाहवाही पाई।

नई दिल्ली से आए दीपक गुप्ता ने हवा का काम है जलते चरागों को बुझाने का, हमारा फर्ज है अंधियारे में दीपक जलाने का, हमें महसूस करना हो तो आंखें बंद कर लेना, पता कुछ भी नहीं होता फकीरों के ठिकाने का कविता प्रस्तुत की।

धौलपुर से आए रामबाबू सिकरवाल ने ये स्वाधीनता अब गवानी नहीं है, शहीदी चिताएं सिरानी नहीं है, करे यदि कोई बेवफाई वतन से, वो समझो असल खानदानी नहीं है पंक्तियां सुनाकर खूब तालियां बंटोरी।

जयपुर से आए अशोक चारण ने बनकर बगुला तटों पर मछली खाने निकले हैं, ये प्रहरी बनकर खेतों का धान चुराने निकले हैं, ये रामायण और कुरान में जंग कराने निकले है, मंत्री बनकर भंवरी के संग इश्क लड़ाने निकले हैं रचना से श्रोताओं को रस विभोर कर दिया।

उदयपुर से राव अजात शत्रु ने संचालन करते हुए कहा कि जिस बालकवि बैरागी जैसे सुचितापूर्ण लोक लोकतंत्र के पवित्र मंदिर में अधिकाधिक संख्या में जाने लगेंगे तो किसी अन्ना हजारे और बाबा रामदेव को अनशन पर नहीं बैठना पड़ेगा। उनकी पंक्तियां अन्ना हजारे को देख सिब्बलजी बोल उठे, ये मुआ तो नाव कांग्रेस की डूबाता है पर श्रोता तालियां बजाने पर मजबूर हो गए।

कवि सम्मेलन में इंडियन आइडल की प्रतिभागी रही सुश्री सौम्या तलेसरा ने गीत प्रस्तुत कर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।

मंच के नए अध्यक्ष नीरज सिंघवी ने बताया कि पर स्व. कृष्णकांत कर्णावट की स्मृति में युवा कवि पुरस्कार नवोदित कवि ‘वाणी’ गौरव गोलछा को प्रदान किया गया। शॉल, पगड़ी, माला एवं अभिनंदपत्र भेंट इस वर्ष यह कवि सम्मेलन युवा उद्यमी एवं समाजसेवी स्व. अभय करणपुरिया को समर्पित किया गया।

मंच के महामंत्री संजय नागौरी ने बताया कि कवि सम्मेलन में श्री जैन श्वे. मूर्ति पूजक श्रीसंघ के संरक्षक किरणमल सावनसुखा, सर कीकाभाई प्रेमचंद ट्रस्ट केशरियाजी के ट्रस्टी गजेन्द्र भंसाली, समाजसेवी पुष्पेन्द्र परमार, खेरोदा जैन संघ के श्यामसुंदर बड़ाला, दिगंबर समाज के सुंदरलाल डागरिया को इस वर्ष का समाज गौरव अलंकरण प्रदान किया गया।

कवि सम्मेलन संयोजक हर्षमित्र सरूपरिया ने बताया कि युवा उद्यमी राजकुमार सुराणा, रक्तदाता दिनेश चोर्डिया, समाजसेवी भेरूलाल खेरोदिया, गुरूभक्त सुनील कुकड़ा को युवा रत्न अलंकरण प्रदान किया गया।

सहसंयोजक अशोक लोढ़ा ने बताया कि कवि सम्मेलन के सम्मानीय अतिथि पूर्व विधानसभाध्यक्ष शांतिलाल चपलोत, जिला प्रमुख श्रीमती मधु मेहता, सभापति श्रीमती रजनी डांगी एवं श्री नाकोड़ा ज्योतिष कार्यालय के समाजसेवी कांतिलाल जैन थे।

प्रारंभ में मुख्य संरक्षक प्रमोद सामर ने मंच की गतिविधियों की जानकारी दी। इस अवसर पर महावीर युवा मंच की नवीन कार्यकारिणी को शपथ दिलाई गई। स्वागत भाषण अध्यक्ष नीरज सिंघवी ने दिया। अतिथियों का स्वागत कुलदीप नाहर, डॉ. तुक्तक भानावत, अरविंद सरूपरिया, आलोक पगारिया, राजेश चित्तौड़ा, भगवती सुराणा, भंवर पोरवाल, ओम पोरवाल, मुकेश हिंगड़, राजेश जैन आदि ने किया। कवि सम्मेलन का आरंभिक संचालन डॉ. लोकेश जैन ने किया।

 

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