कागजों में चल रही है जननी सुरक्षा की योजनाएं

१०४ एम्बुलेंस नहीं हो रही कारगर

उदयपुर, सरकार जननी सुरक्षा के कितने ही दावे करें योजनाएं बनाये 104 जननी एक्सप्रेस चलाये लेकिर फिर भी ना ठीक से जननी सुरक्षा की सुरक्षा हो पाती है ना देखभाल। 104 एम्बुलेंस के संचालकों की मनमानी के चलते शुक्रवार रात डेढ बजे एक महिला ने स$डक पर ही बच्चे को जन्म देना पडा।

सूत्रों के अनुसार आवरीमाता कच्ची बस्ती निवासी गर्भवती महिला मंजु पत्नी जगदीश मेघवाल को रात डेढ बजे प्रसव पीडा हुई। पति जगदीश पास में रहने वाली दाई को बुला लाया लेकिन गर्भ 7 माह का होने की वजह से दाई ने अस्पताल ले जाने की सलाह दी। महिला के पति ने 104 को फ़ोन किया तो देर तक फ़ोन किसी ने नहीं उठाया। जब उठाया तो बस्ती के बारे में जानने से इंकार कर दिया। इस पता समझाया गया तो आधे घंटे बाद आने का कहा। इसी बीच महिला को प्रसव दद बढ गया। आस पडौस की महिलाएं भी एकत्र हो गई। उन्होंने 104 का इंतजार नहीं कर टेम्पों में हॉस्पीटल ले जाने की बात कही। महिला व उसका पति पैदल टेम्पों स्टेण्ड तक चल प$डे। 100 मीटर ही दूरे गये होंगे कि प्रसव पी$डा तेज होने से महिला वहीं बैठ गई। आस प$डौस की महिलाएं वहीं दौड कर आई और पडौसी और मातृत्व धर्म निभाते हुए महिलाओं ने प्रसुता को मौके पर ही प्रसव करवाया और प्रसुता को पुत्र प्राप्ति हुई। बाद में प्रसूता और बच्चे को एमबी चिकित्सालय ले जाकर भर्ती करवाया।

घटना के लिये सीएमएचओ से पूछने पर बताया कि घटना की जानकारी मिली है जांच करवाई जायेगी और वैसे १०४ गांवों के लिये है, शहरों के लिये नहीं।

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