उदयपुर। आरएनटी मेडिकल कॉलेज के बाल अस्पताल के आईसीयू में रेजिडेंट महिला डॉक्टर को विभाग के एचओडी द्वारा अश्लील टिप्पणी करने का मामला थमता नजर नहीं आ रहा है। कॉलेज प्रचार्य द्वारा बनाई कमेटी में एचओडी को जैसे ही क्लीन चिट मिली, वैसे ही रेजिडेंट डॉक्टरों के अध्यक्ष अपने ईगो और एचओडी के बचाव में थानेदारी पर उतर आए है। वे एचओडी को बचाने के लिए रिपोर्ट को बिना किसी अधिकार के सार्वजनिक कर रहे हैं। शनिवार शाम को कप्तानसिंह ने प्रेस वार्ता आयोजित कर मीडिया के सामने रिपोर्ट पेश की।

रेजिडेंट डॉक्टर एसोशिएसन के अध्यक्ष डॉ. कप्तानसिंह पीडि़त रेजिडेंट डॉ. विभा चौधरी का विरोध इसलिए कर रहे हैं, क्योंकि विभा चौधरी पहले एसोशिएसन के पास नहीं गई और सब जगह शिकायत कर दी। इसी इगो के चलते कप्तानसिंह ने प्राचार्य एसके कौशिक द्वारा बनाई गई कमेटी की रिपोर्ट आते ही उसको लेकर मीडिया के सामने आ गए। डॉ. गोयल को क्लीन चिट और डॉ. विभा को दोषी एवं किसी से प्रेरित होकर ऐसा आरोप लगाना बताया है।

कमेटी ने की खानापूर्ति:

आरएनटी के प्रचार्य द्वारा बनाई गई कमेटी में डॉ एके खरे, डॉ. सुनीता महेश्वरी व डॉ. रेखा भटनागर ने रिपोर्ट में डॉ. गोयल को क्लीनचिट देते हुए कहा कि रेजिडेंट डॉ. विभा चौधरी द्वारा लगाए गए आरोप साबित नहीं होते हैं। सीडी में भी कांट-छांट की गई है। इधर, महिला आयोग के निर्देश पर जिला कलेक्टर द्वारा बनाई गई स्वतंत्र कमेटी की रिपोर्ट आना बाकी है।

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