हाईकोर्ट ने चुनाव प्रक्रिया पर उठाए सवाल

निरस्त मतों को लेकर है विवाद

उदयपुर, राज. उच्च न्यायालय ने सुविवि छात्रसंघ अध्यक्ष की चुनाव प्रक्रिया और निष्पक्षता पर सवालिया निशान लगाते हुए सुखाडिया विवि के मुख्य रजिस्ट्रार, चुनाव अधिकारी को कारण बताओं नोटिस जारी कर दिये।

उल्लेखनीय है कि १८ अगस्त को सम्पन्न हुए सुविवि छात्रसंघ अध्यक्ष के चुनाव में मतगणना के दौरान निरस्त हुए ३८७ वोट को लेकर छात्रसंघर्ष समिति ने कडा विरोध जताया था तथा आरोप लगाया कि मतगणना के दौरान एक विशेष प्रत्याशी को लाभ पहुंचाने के लिये बवालपूर्ण मतगणना की गई थी।

छात्र संघर्ष समिति के दीपक शर्मा ने सुविवि प्रशासन के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी जिसमें प्रत्याशी दीपक शर्मा ने आरोप लगाया था कि सुविवि प्रशासन द्वारा छात्रों के लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन कर उनके द्वारा दिये गये वोट को निरस्त किया गया तथा निरस्त किये वोटों में जो लंबी सील को निरस्त किया गया था वह विवि द्वारा ही दी गई थी। दीपक शर्मा की रिट पर हाईकोर्ट ने आदेश दिये है कि उक्त रिट याचिका का निस्तारण होने तक निरस्त ३८७ मतों की गोपनीयता, सुरक्षा व डेमेज नहीं होन की दशा में विवि प्रशासन की क$डी देखरेख में रहेंगे तथा १४ दिन तक वर्तमान छात्रसंघ अध्यक्ष अपने अधिकारों का उपयोग नहीं कर सकेंगे तथा रजिस्ट्रार एल.एन. मंत्री, ग्रेविएन्स स्टूडेन्ट सेल के चेयरमेन प्रो. अंजु कोहली, मुख्य चुनाव अधिकारी कैलाश सोडानी को कारण बताओ नोटिस जारी किया है कि याचिका प्रार्थी दीपक शर्मा व उनके चुनाव एजेंट सूर्यप्रकाश सुहालका द्वारा बार-बार लिखित में शिकायत, ज्ञापन व परिषद प्रस्तुत करने पर भी इन जिम्मेदार ने कोर्ट कार्यवाही न कर विश्वविद्यालय छात्रसंघ संविधान क्लाज-७ में अधिकारों व नियमों की अवमानना की है। इसलिये उत्त* चुनाव को पारदर्शिता हेतु कारण स्पष्ट करने को कहा है।

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