उदयपुर, प्रसंग संस्थान एवं वर्धमान महावीर खुला विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में रविवारको डॉ. गोपाल बुनकर ’राजगोपाल’ के सद्य प्रकाशित गजल संग्रह का विमोचन एवं साहित्यक चचा्र विवि के सभागार में हुई।

साहित्यिक चर्चा में गजल संग्रह ’जख्म जब दो-चार भरते है’ पर समीक्षा डॉ. मधु अग्रवाल, डॉ. चन्द्रकला बंसल एवं डॉ. प्रेम भण्डरी, डॉ. फारूख बक्शी ने प्रस्तुत की। डॉ. देवेन्द्र हिरण ने गजल संग्रह से चुनी एक गजल को सस्वर प्रस्तुत किया। शायर डॉ. गोपाल बुनकर’राजगोपाल’ ने अपनी रचना प्रक्रिया एवं गजल लेखन पर विचार प्रकट करते हुए संग्रह की कुछ गजले सुनाई। प्रसंग संस्थान के संस्थापक अध्यक्ष डॉ. इन्द्रप्रकाश श्रीमाली ने बताया कि प्रसंग संस्थान साहित्यिक, शैक्षिक, सामाजिक सांस्कृतिक संदर्भों से सुसंबद्घ साहित्यिक समारोह आयोजित करने वाली अग्रणी संस्था है।

समारोह के मुख्य अतिथि प्रो. नरेश दाधीच ने कहा कि ’जख्म जब भी दो-चार भरते है’’ संग्रह में शायर ने समाज में व्याप्त व्यवस्था पर सटीक शेर लिखे है। उन्होंने इस अवसर पर अपने गीत का भी सस्वर वाचन किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए प्रो. नंद चतुर्वेदी ने कहाकि विचारों के संप्रेषण में गजल एक प्रजातांत्रिक सशत्त* काव्य विद्या है जिसमें राजगोपाल सिद्घहस्ता है।

विशिष्ठ अतिथि डॉ. भगवती लाल व्यास एवं किशन दाधीच ने पुस्तक का सारगर्भित विवेचना की एवं लेखन को गजल संग्रह के लिए बधाई दी।

 

Previous articleखौफ के साए में भविश्य की तलाश
Next articleफिर बेटी को फेंक गए

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here