DSC1269-300x198उदयपुर। राजस्थान उच्च न्यायालय की खंडपीठ की उदयपुर में स्थापना को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा दिए गए बयान और वकीलों को गिरफ्तार करने विरोध में वकीलों ने आज विरोध रैली निकाली। साथ ही 11 सितम्बर तक न्यायिक कार्यों के बहिष्कार की घोषणा की है। 11 सितम्बर को प्रस्तावित कांग्रेस के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राहुल गांधी की सभा के दौरान श्री गांधी से मिलकर हाईकोर्ट बैंच की मांग रखने का निर्णय लिया गया है।
आज निकाली गई वाहन रैली में वकीलों ने उग्र प्रदर्शन करते हुए राज्य सरकार और अशोक गहलोत के खिलाफ जमकर नारेबाजी की तथा रैली न्यायालय परिसर से शुरू होकर हॉस्पीटल रोड, चेतक सॢकल, हाथीपोल, अश्विनी बाजार, देहली गेट, बापू बाजार, सूरजपोल, टाउन हॉल होते हुए कलेक्ट्री पहुंचे, जहां कुछ देर प्रदर्शन के बाद कोर्ट परिसर पहुंचकर रैली समाप्त हुई। रैली के दौरान वकीलों ने टू व्हीलर वाहन पर सवार होकर सड़कों पर जोरदार प्रदर्शन किया। रैली में बार एसोसिएशन के अध्यक्ष भरत कुमार जोशी, महासचिव भरत कुमार वैष्णव, संभागीय महासचिव शांतिलाल पामेचा, संरक्षक फतहलाल नागौरी, जिला संयोजक सत्येंद्रपालसिंह छाबड़ा, जिला महासचिव मनीष शर्मा के सहित सैकड़ों अधिवक्ता मौजूद थे। इससे पूर्व कल हुई साधारण सभा की बैठक में वकीलों ने एक स्वर में राज्य सरकार, केंद्र सरकार एवं राजस्थान उच्च न्यायालय से मेवाड़-वागड़ क्षेत्र, जिसमें उदयपुर, राजसमंद, भीलवाड़ा, चित्तोडग़ढ़, प्रतापगढ़, बांसवाड़ा, डूंगरपुर व सिरोही क्षेत्र की निर्धन आदिवासी बाहुल्य जनता को सस्ता सुलभ न्याय दिलाने के लिए तत्काल उदयपुर में राजस्थान उच्च न्यायालय की स्थाई खंडपीठ खोले जाने की मांग की। उदयपुर में राजस्थान के मुख्यमंत्री द्वारा उक्त मांग के संदर्भ में जो वक्तव्य दिया। उसकी कठोर शब्दों में निंदा की। सर्वसम्मति से यह प्रस्ताव पारित किया गया कि 11 सितम्बर तक अधिवक्ता उक्त मांग के समर्थन में न्यायिक कार्रवाईयों में भाग नहीं लेंगे। 11 सितम्बर को राहुल गांधी से मुलाकात कर उन्हें मेवाड़-वागड़ की हाईकोर्ट बैंच की मांग से अवगत कराया जाएगा।

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