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Udaypur . पूर्व क्रिकेटर मोहम्मद अजहरूद्दीन कांग्रेस के टिकट पर जयपुर या अजमेर से चुनाव लड़ सकते हैं। कांग्रेस केंद्रीय चुनाव समिति की बुधवार को करीब 9 घंटे चली बैठक में राजस्थान समेत कुछ राज्यों की सीटों को लेकर चर्चा हुई।

पार्टी ने संकेत दिए हैं कि अगली सूची एक-दो दिन में आ सकती है, जिसमें सौ नाम हो सकते हैं। पूरे नाम होली के बाद ही आने की सम्भावना है। बैठक में प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट और राष्ट्रीय महासचिव सीपी जोशी की चुनाव लड़ने की जगहों को लेकर लम्बी चर्चा हुई। अल्पसंख्यक की सीट को लेकर भी विचार-विमर्श हुआ।

सूत्रों की मानें तो रात तक चली केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में मौजूदा सांसद सचिन पायलट, चन्द्रेश कुमारी, ज्योति मिर्घा, रघुवीर मीणा, सीपी जोशी, भरतराम मेघवाल, नमोनारायण मीणा, बद्रीराम जाखड़ आदि को फिर से टिकट दिए जाने के संकेत हैं। सचिन, सीपी जोशी की सीटों पर अदला-बदली की चर्चा है।

सूत्रों का कहना है कि पूर्व क्रिकेटर अजहरूद्दीन को जयपुर या अजमेर से चुनाव लड़ाया जा सकता है। इन दोनों स्थानों में भी जयपुर से अजहरूद्दीन के आने पर ज्यादा जोर है। सी.पी. जोशी के जयपुर ग्रामीण से आने की चर्चाओं के चलते लालचंद कटारिया को अजमेर भेजा जा सकता है।

उधर, टोंक-सवाई माधोपुर सीट पर सचिन पायलट की पक्की दावेदारी है। कांग्रेस राजपा के किरोड़ी लाल मीणा से दौसा सीट को लेकर तालमेल बैठा सकती है। पार्टी का मानना है कि ऎसा होने से टोंक-सवाई माधोपुर व दौसा सीटों पर फायदा मिलेगा। ऎसे में नमोनारायण मीणा का पत्ता भी साफ हो सकता है।

लंबी फेहरिस्त से बढ़ी भाजपा की परेशानी

जयपुर शहर की सीट पर उम्मीदवार तय करना भाजपा के लिए भी बड़ा मुश्किल हो रहा है, क्योंकि दावेदार ज्यादा और बड़े हैं। इनमें विधायक घनश्याम तिवाड़ी, प्रदेश महामंत्री रामचरण बोहरा, महिला मोर्चा अध्यक्ष सुमन शर्मा और उपमहापौर मनीष्ा पारीक के नाम लिए जा रहे हैं।

तिवाड़ी पिछली बार प्रत्याशी थे, लेकिन हार गए थे। इस बार अभी तक उनके मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे से संबंध बहुत अच्छे नहीं हैं। इसके अलावा पार्टी ने मौजूदा विधायकों को टिकट नहीं देने का निर्णय भी कर रखा है, इसलिए उनका दावा कमजोर हो जाता है, लेकिन जानकारों का कहना है कि केन्द्रीय स्तर पर तिवाड़ी की पहुंच और वरिष्ठ नेता का कद देखते हुए उन्हें “अंडरएस्टिमेट” नहीं किया जा सकता। पार्टी का एक वर्ग यह भी मानता है कि राजे भविष्य की किसी परेशानी से बचने के लिए टिकट देकर उन्हें केन्द्र में भेज सकती हैं, क्योंकि विधानसभा में अब तक तिवाड़ी के तेवर काफी तीखे रहे हैं।

अन्य नामों में रामचरण बोहरा राजे की व्यक्तिगत पसंद बताए जाते हैं, लेकिन ज्यादातर विधायकों का समर्थन उनके साथ नहीं बताया जाता। सुमन शर्मा का दावा ब्राह्मण और महिला होने के नाते है। मनीष्ा पारीक ऎसा नाम है, जिसकी अभी ज्यादा चर्चा नहीं है, लेकिन राजे की ओर से अभी तक जिस तरह के चौंकाऊ नाम आ रहे हैं, उसमें पारीक एक नाम हो सकता है।

वैभव की दावेदारी पर संतुष्ट नहीं

झालावाड़ से अल्पसंख्यक को लड़ाने पर भी विचार-विमर्श किया गया। जालोर-सिरोही से वैभव गहलोत के नाम पर चर्चा हुई, लेकिन केन्द्रीय नेतृत्व अभी वैभव की दावेदारी को लेकर पूरी तरह संतुष्ट नहीं है।

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