बांसवाड़ा
police-1423172847सांसद, एक मंत्री और तीन विधायक होने के बावजूद सत्तारुढ़ भारतीय जनता पार्टी पंचायतीराज चुनाव में बांसवाड़ा जिले में कांग्रेस का गढ़ भेदने में नाकाम रही।

जिले के पंचायतराज चुनाव प्रभारी राज्यमंत्री जीतमल खांट अपनी गृह पंचायत समितियों में पार्टी को जीत दिलाने में नाकामयाब रहे। समाचार लिखे जाने तक भाजपा सिर्फ कुशलगढ़ व घाटोल में आगे चल रही थी।

वहीं छोटी सरवन और कुशलगढ़ क्षेत्र में जनता दल व समाजवादी पार्टी का अस्तित्व पूरी तरह खत्म हो गया है। बांसवाड़ा में पंचायतीराज संस्थाओं के चुनाव में जिला परिषद व पंचायत समितियों में कांगे्रस का ही कब्जा रहा है।

भाजपा मात्र एक बार अपना जिला प्रमुख बनाने में कामयाब रही थी। पिछले पंचायतीराज चुनाव में तलवाड़ा, घाटोल, गढ़ी, बागीदौरा, कुशलगढ़, आनंदपुरी और सज्जनगढ़ में कांगे्रस तथा छोटी सरवन में जनता दल का कब्जा था। पंचायत पुनर्गठन में जिले में अरथूना, गांगड़तलाई और बांसवाड़ा नई पंचायत समिति बनी।

इसमें अरथूना पंचायत समिति राज्यमंत्री जीतमल खांट की गृह पंचायत है। वागड़ से एकमात्र मंत्री होने से इस पंचायत समिति में भाजपा जीत के प्रति आश्वस्त थी, लेकिन यहां पार्टी की उम्मीदें धराशायी हो गई और उन्हें मात खानी पड़ी है।

वहीं घाटोल पंचायत समिति में कांगे्रस ने सांसद मानशंकर निनामा और विधायक नवनीतलाल निनामा के बीच दूरी का पूरा फायदा उठाने का प्रयास किया, लेकिन पूरी सफलता नहीं मिली। यहां बची साख: गत विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने पहली बार कुशलगढ़ में कमल खिलाया था।

चौदह माह बाद गांव की सरकार बनाने के लिए हुए चुनाव में मतदाताओं ने पार्टी पर ही भरोसा जताया। हालांकि कांगे्रस ने यहां अपना प्रधान बनाने के लिए पूरी ताकत झोंक रखी थी, लेकिन समाचार लिखे जाने तक यहां भाजपा की जीत का आंकड़ा ऊपर था।

इधर, गढ़ी प्रधान पद की दावेदार मानी जाने वाली पूर्व विधायक कांता भील को भी हार का सामना करना पड़ा। हालांकि कांता की बेटी तलवाड़ा पंचायत समिति के वार्ड संख्या तीन से चुनाव जीत गई है। विधायक महेन्द्रजीत सिंह मालवीया का पुत्र भी आनंदपुरी में वार्ड संख्या से चुनाव जीत गया है।

Previous articleवाट्सएप पर कहीं आप भी तो नहीं हो रहे धोखाधड़ी के शिकार
Next articleलेकसिटी मेथोडिस्ट चर्च का उद्घाटन

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here