उदयपुर, ताजियों के दौरान हर वर्ष होने वाले झगडे से परेशान होकर मेवाफरोश ओर नायकान समाज ने पहल करते हुए प्रशासन को लिखित में दे दिया अब भडभूजा घाटी पर मुहर्रम की 9 तारीख को रात होने वाले छडी मिलन की रस्म नहीं होगी।

उल्लेखनिय है कि मोहर्रम की रात २ बजे भडभूजा घाटी पर वर्षो से चली आ रही छडी मिलन की परम्परा रही है। जिसमें मेवाफरोश व नायको की छडी मिलन होता था जिसको देखने हजारों की संख्या में लोग आते है पिछले कुछ वर्षो से मोहर्रम की सात तारीख को छडियों का जुलूस व छडी मिलन में हो रही चाकूबाजी की घटनाओं से तंग आकर दो वर्ष पहले बडी पलटन का मोहर्रम चमनपुरा लाने की परम्परा भी समाप्त की और अब गुरूवार को हुई चाकूबाजी की घटना के बाद मेवाफरोशियों व नायको के बुजुर्ग व नौज्वानों ने फैसला लिया कि अब भडभूजा घाटी पर मोहर्रम की ९तारीख को रात होने वाले छडी मिलन नहीं होगा। मेवाफरोशान की तरफ से रहीम बक्ष पटेल, नजर मोहम्मद, जाकीर हुसैन आदि तथा नायकान समाज की तरफ से सदर जान मोहम्मद आदिने सर्व सम्मति से जिला कलक्टर को लिख कर दे दिया कि आज के बाद भडभूजा घाटी में छडी मिलन नहीं होगा। समाज के लोगों का कहना है कि यह एक अच्छा निर्णय लिया गया है वेसे भी छडियों के मिलन का कोई ऐतिहासिक या सामाजिक महत्व नहीं था। अंजुमन सदर शराफत हुसैन ने भी छडी मिलन नहीं होने के निर्णय का स्वागत करते हुए मेवाफरोशन व नायकान समाज का धन्यवाद दिया।

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