Udaipur Post. लगता है चिकित्सा विभाग की भी जो गणित है न वो भी मेरी तरह ज्यादा अछि नहीं है। तभी तो हिसाब किताब ठीक से नहीं हो  रहा है। हर रोज़ बदलते हुए आंकड़े साला मुझे तो कंफ्यूज कर ही देते है। तो मुझे लगता है की जनता भी ऐसे ही कंफ्यूज होती होगी। अब सब के सब तो आर्य भट्ट है नहीं, की सही सही हिसाब का पता लगाले। तो मेरी विनती चिकित्सा विभाग और संभाग के सबसे  अस्पताल के अधीक्षक महोदय से की काहे  कंफ्यूज करते हो भाई। एक चीज़ बतादो न ।  वैसे भी हम जनता तो आँखे मूंदे आपकी बाते चुप चाप मान ही  रहे है न। कहा सवाल किया बताओ? आप बोलो तो कोरोना है, आप बोलो तो नहीं है। आप बोलो तो घर पे ही कुरेंतिने आप बोलो तो बोरिया बिस्तर लेके अस्पताल में डेरा। आप बोलो तो कोई मरीज ९९% मरा हुआ 1 % जिंदा, आप बोलो तो 100% जिंदा। बताओ कहा सवाल कर रहे है ?

मौते हो  कितनी हो रही है आप बता कितना रहे हो। सवाल किया? नहीं किया। फिर?आपतो जो बोलो वो मंज़ूर। पर धीरे से एक बात बोलू। एक आंकड़े पे तो टिको  कम से कम.अच्छा नहीं लगता। वो मेवाड़ी  कहावत नहीं सुनी आपने थू राख लाकडी ,मु राखु टेक। आपा दोई एक रा एक।। तो आप तो सलाह मशविरा करके फिर आंकड़े बहार दो ताकि लोग क्या है चुपचाप मान ले।  बस यही। क्या है की फिर जनता अब समझदार होने लगी है। समझ जाती है। मुख्यमंत्री जी ने भी कहा की नि कहा के आंके नि छुपाने है। तो फिर। कोरोना के बढ़ते संक्रमण के बीच शायद चिकित्सा विभाग को भी रोग लग गया है। यह रोग है आंकड़े छिपाने का। तभी तो जिले में हो रही मौतों और मरीजों के आंकड़ों में बड़ा अंतर सामने आ रहा है। मौतों में 43 का अंतर है। सीएमएचओ की रिपोर्ट कहती है-अब तक 44 लोगों ने दम तोड़ा है, लेकिन जिलेभर के कोरोना मरीजों को संभाल रहे आरएनटी कह रहा है-मौतें तो 87 हुई हैं। चिकत्सा विभाग की  गड़बड़िया अब ताली नहीं जा सकती।

आखिर सही कौन है? यही सबसे बड़ा सवाल है। कुल मरीजों के आंकड़े में भी 143 का अंतर है। सीएमएचओ की रिपोर्ट में 3910 हैं तो आरएनटी की रिपोर्ट 4253 बता रही है। आंकड़ों को छिपाने का यह संक्रमण इसलिए भी हैरान करने वाला है, क्योंकि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 7 दिन पहले ही चिकित्सा विभाग को निर्देश दिए थे कि इन्हें छिपाया नहीं जाए। आंकड़ों में अंतर को लेकर भले ही अधिकारी यह कह कर रहे हैं कि उन्हें इसकी जानकारी नहीं है। अगर फिर भी ऐसा कुछ है तो सही भी करा लेंगे, लेकिन आंकड़े छिपाने का यह रोग कोरोना से भी घातक है, क्योंकि ये जनता और कर्तव्य से धोखा है।

18-19 सितंबर की रिपोर्ट में 298 संक्रमितों का अंतर आया।  18 सितंबर को जारी सीएमएचओ की रिपाेर्ट में उदयपुर में कुल 3645 संक्रमित थे। दूसरे ही दिन यानि 19 सितंबर को उन्हीं की रिपाेर्ट में बढ़ने की बजाय कुल केस घटकर 3347 हाे गए। जबकि 19 को सामने आए 45 नए केस सहित यह संख्या 3690 होनी चाहिए थी।गुरुवार का आंकड़ा ही देख लीजिए 5 मौतें, सीएमएचओ की रिपोर्ट में जिक्र तक नहीं। अब क्या कहे इसपर? ये तो अपनी ढपली अपना राग हो गया। सबसे ज़िम्मेदार विभाग की ऐसी गड़बड़ कैसे बर्दाश्त करे। आप स्वयं ही मुलांकन कीजिये। ये सवाल अब जनता के भरोसे।

Watch full Video On YouTube – https://youtu.be/SL2CY1ICuvw

Previous articleNH 8 खेरवाडा के आगे शिक्षक भर्ती को लेकर आग, तोड़ फोड़ और लूटपाट हालात बेकाबू
Next articleहिंदुस्तान जिंक जावर माइंस द्वारा सिंघटवाडा में निर्मित शौचालय विद्यालय प्रबंधन को सुपुर्द

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here