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udaypur, राज्य के शेखावाटी, मेवात और हाडौती अंचलों की राजनैतिक अंतर्धाराओं के एकदम विपरीत मेवाड के चित्तौडगढ और प्रतापगढ के मुसलमान इन चुनावों में कांग्रेस के साथ मजबूती से जुडे हुए है। इन भावनाओं को दोहराते हुए कई मुसलमानों ने कहा कि मतदान दिवस मुसलमानों के लिये त्यौहार जैसा होता है जो बडी संख्या में यह मानते हैं कि मत देने जाने का अर्थ कांग्रेस के लिये मत देना है।
इस भावना के बताए गए विभिन्न कारण कांग्रेस का उनकी प्राकृतिक पार्टी होने से लेकर गत पांच सालों में अशोक गहलोत सरकार के काम तक थे।

चित्तौडगढ में गहलोत है फेवरेट :
चित्तौडगढ के नजदीक मुस्लिम बाहुलय गांव सावा की पंचायत समिति के सदस्य अकरम हुसैन अंसारी ने मेडिकल जांच योजना, वृद्घावस्था पेंशन, विधवा पालनहार योजना के अलावा अशोक गहलोत सरकारी विशेष रुप से मुसलमानों के लिये लक्षित कई अन्य योजनाओं का उल्लेख इस समर्थन के कारण के रुप 2में किया। उन्होंने कहा ’’इन योजनाओं ने क्षेत्र में कांग्रेस सरकार की विशेष रुप से ग्रामीण क्षेत्रों में अच्छी साख बनाई है। इसके अलावा सरकार ने इस छोटे से गांव के लिये आई टी आई स्वीकृत किया है।’’ उन्होंने आगे कहा कि उनके क्षेत्र के ग्राम वासियों के पूर्व सक्रिय तरीकों तथा अधिक जागरुकता के कारण मुसलमानों सहित सभी समुदायों को इन योजनाओं से लाभ मिला है।
उनके दृष्टिकोण की पुष्टि करते हुए अंजुमन मुस्लिम समाज के अध्यक्ष अब्दुल गनी शैख ने कहा ’’हम हमेशा केवल राजनीतिज्ञों और राजनैतिक दलों पर निर्भर नहीं रह सकते, अपने हक का उचित हिस्सा पाने के लिये समुदाय को जागरुक और पूर्वसक्रिय होने की जरुरत है।
ऐसा एक उदाहरण देते हुए अब्दुल गनी शैख ने कहा कि अल्प संख्यक विद्यार्थियों के छात्रावास निर्माण हेतु जिला प्रशासन ने दो बीघा का भूखंड आवंटित किया। लेकिन यह प्लाट किसी काम का नहीं है क्योंकि उस तक पहुंचा नहीं जा सकता और यह नीचे दबे हुए स्थान पर है।
अब्दुल गनी शैख ने कहा कि जब उन्हें यह सूचना मिली तो वे तथा अंजुमन के अन्य लोग उस जगह को देखने गए और पाया कि वह भूखण्ड उपयुत्त* नहीं है।
वे स्थानीय विधायक सुरेन्द्र सिंह जाडावत को भी मौके पर ले गए जिन्होंने उनके मूल्यांकन से सहमति जताई। इसके बाद उन्होंने कुछ लोगों से संपर्क किया और चित्तौडगढ नगर परिषद के पास उपलब्ध कुछ वैकल्पिक भूखण्डों को चिन्हित किया।
अब्दुल गनी शैख ने आगे कहा कि अंजुमन का प्रतिनिधिमंडल कलेक्टर से मिला और इस अनुपयुत्त* भूखण्ड का आवंटन रद्द करवा के शहर में २०,००० वर्ग फीट का दूसरा भूखण्ड ले लिया।
मेवाड क्षेत्र में लगभग हर शहर और कस्बे में अपने सामुदायिक कार्यों को चलाने के लिये मुसलमानों की यह विशिष्ट संगठन व्यवस्था है। यह संगठन अंजुमन मुस्लिम समाज कहलाता है। अंजुमन इन सभी शहरों और कस्बों के मुसलमानों का प्रतिनिधित्व करती है। अंजुमन के पदाधिकारियों का चुनाव होता है जहां हर मुहल्ले का प्रत्येक मुसलमान अपने प्रतिनिधि चुनने के लिये मत देता है। अंजुमन स्कूल, मदरसा, मुसाफिर खाना जैसी कुछ सामुदायिक संपदाओं का प्रबंध करती है।
भारतीय जनता पार्टी के सक्रिय कार्यकर्ता इकबाल खिलची ने कहा ’’इस क्षेत्र के मुसलमानों में एक मानसिकता विकसित हो गई है कि कांग्रेस ही एक मात्र पार्टी है जो उनके वोट के लायक है। इस कारण मुस्लिम मुद्दों के प्रति कांग्रेसी नेतृत में कुछ आत्म संतुष्टि की भावना आ गई है।’’

 

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निम्बाहेड़ा में मुस्लिम कांग्रेस के समर्थन में लेकिन नगर पालिका में एक भी सीट नहीं :
एक वरिष्ठ कांग्रेसी तथा निंबाहेडा नगर पालिका के अध्यक्ष मनोहर लाल विरानी ने कहा कि मुस्लिम पंरपरागत रुप से कांग्रेस के समर्थक रहे हैं और इस संबंध को पार्टी संरचना तथा स्थानीय निकायों में प्रतिनिधित्व उपलब्ध कराके और भी मजबूत किया जाना चाहिये।
निंबाहे$डा नगर पालिका की वर्तमान संरचना से यह समस्या स्पष्ट दिख जाती है। निम्बाहे$डा में लगभग २५ प्रतिशत आबादी होने के बावजूद मात्र दो मुसलमान, एक कांग्रेस और एक भाजपा का, वर्तमान नगर पालिका में निर्वाचित हुए हैं। निंबाहे$डा के सामाजिक सक्रिय कार्यकर्ताओं के अनुसार यह स्थिति इस लिये आई कि कांग्रेस ने मुसलमानों को टिकिट वितरण में पर्याप्त प्रतिनिधित्व नहीं दिया और कई मुसलमानों ने निर्दलीय के रुप में चुनाव लडा।

प्रताप गढ़ कि नगर परिषद् में भी कोई मुस्लिम पार्षद नहीं

जिन मुस्लिम सक्रिय कार्यकर्ताओं के साक्षात्कार लिये उन्होंने प्रतापगढ में ऐसे ही मुद्दे उठाए। जिला वक्फ कमेटी के अध्यक्ष और नगर कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष मंसूर खान ने कहा कि प्रतापगढ नगर परिषद के चुनावों के दौरान कांग्रेस ने मुसलमानों को एक भी टिकिट नहीं दिया जबकि भाजपा ने एक मुसलमान प्रत्याशी को टिकिट दिया लेकिन वह चुनाव हार गया।
मंसूर खान ने जोडा ’’अभी प्रतापगढ शहर की आबादी का लगभग २० प्रतिशत होने के बावजूद एक भी मुसलमान वर्तमान नगर परिषद का पार्षद नहीं है 5क्योंकि कांग्रेस ने नामांकित सीटों पर भी किसी मुसलमान को नामांकित नहीं किया।’’
उनके अनुसार प्रतापगढ नगर परिषद में २५ वार्ड हैं और पहले कांग्रेस से मुसलमानों को ३-४ टिकिट मिला करते थे।
नरेन्द्र मोदी को प्रधानमंत्री पद के प्रत्याशी के पद पर नामांकित करने के असर का मूल्यांकन देते हुए मुस्लिम महा सभा के जिला अध्यक्ष मुहम्मद शकील शैख ने कहा कि कुछ मुसलमान, हालांकि नगण्य ही हैं, अटल बिहारी वाजपेयी, भैरों सिंह शेखावत और वसुंधरा राजे जैसे नेताओं के कारण भाजपा की तरफ झुक रहे थे लेकिन अब वह प्रवृति भी नरेन्द्र मोदी के वर्चस्व के कारण रुक गई है।
मुस्लिम समर्थन को आकृष्ट करने में भाजपा की विफलता के कारण स्पष्ट करते हुए चित्तौडगढ में हजरत चल फिर शाह दरगाह की प्रबंध समिति से जुडे हुए सैयद दौलत अली और सैयद बरकत अली ने कहा कि क्षेत्र में कांग्रेस को मुस्लिम समर्थन का कारण यह है कि एक मात्र दूसरी पार्टी भाजपा है जो हमेशा सामुदायिक मुद्दों पर मुस्लिम भावनाओं के विरुद्घ रुख अपनाती है।
सैयद दौलत अली ने आगे कहा ’’लेकिन कांग्रेस विभिन्न बोर्डों और निकायों में अयोग्य मुसलमानों को नियुत्त* करती है जो समुदाय की सेवा करने के बजाय अपने निजी और राजनैतिक हितों को बढावा देने में लग जाते हैं।
चित्तौडगढ जिले में पांच और प्रतापगढ जिले में दो विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र हैं। प्रतापगढ जिले के धरियावद निर्वाचन क्षेत्र के अलावा इन सभी चुनाव क्षेत्रों में मुसलमान मतदाता महत्वपूर्ण संख्या में हैं।
चित्तौडगढ जिले के ङ्क्षनबाहेडा चुनाव क्षेत्र में इस अंचल के सबसे अधिक मुसलमान मतदाता हैं जिनकी संख्या ५० हजार के आसपास है जबकि प्रतापगढ विधानसभा चुनाव क्षेत्र में यह संख्या ३५ हजार के करीब है। चित्तौडगढ विधानसभा सीट में लगभग १५ हजार, बेंगू में भी लगभग १५ हजार, कपासन में लगभग १२ हजार तथा ब$डी साद$डी में करीबन १० हजार मुस्लिम मतदाता हैं।

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