उदयपुर। शहर में करीब 140 से अधिक गैस टंकी वितरण सेंटर बने हुए हैं। खास बात यह कि तकरीबन सभी सेंटर झाडिय़ों की ओट या सूनसान गलियों में ऐसी जगह है जहां से लोगों का आना-जाना काफी कम रहता है। ये ही वो जगह है जहां सधे हाथों से सिलेंडर की कैप खोलकर गैस चोरी का बड़ा कारोबार चलता है। कारोबार भी ऐसा कि सिलेंडर में पूरी गैस पाने का हकदार खरीदार इस चतुराई से की गई चोरी का अंदाजा ही नहीं लगा पाता।

शहर के सुंदरवास-बोहरा गणेश मार्ग, आयड़ क्षेत्र में धूलकोट के सूनसान मार्ग, सैक्टर-१४ क्षेत्र में इंद्रप्रस्थ कॉम्पलेक्स के सूनसान एरिये में हो चाहे फतहपुरा, साइफन, युनिवर्सिटी 100 फीट रोड एरिये में, हर जगह गैस टंकी वितरण सेंटर सूनसान एरिये में ही बनाए गए हैं। सभी जगह हॉकरों की हलचल रहती है। प्रावधान अनुसार टंकियों को इस तरह रखकर बेचना ही दंडनीय अपराध माना गया है लेकिन, रसद विभाग, जिला प्रशासन और गैस कंपनियों के अधिकारियों की अनदेखी के चलते कार्रवाई नहीं हो पाती है। इन सभी स्थानों पर चोरी-छिपे टंकियों से गैस निकालने का बड़ा कारोबार ही चल पड़ा है। हद तो यह है कि उपभोक्ताओं की आए दिन की शिकायत के बावजूद रसद विभाग ने पिछले कई महीनों के दौरान कोई जांच-कार्रवाई ही नहीं की है।

पीतल की पाइप से शुरू होती है आय

यह स्थिति सिर्फ जिला मुख्यालय पर नहीं वरन ग्रामीण क्षेत्रों में भी बनी हुई है। इसके लिए शातिर हॉकर अपने पास पीतल की करीब एक फीट लंबी पाइप काम में लेते हैं। इन्हीं गैस टंकी वितरण सेंटर से उपभोक्ताओं को टंकी उपलब्ध कराने के नाम पर यह खेल चलाया जाता है। इसके लिए दो सिलेण्डर आमने-सामने लिटा कर बीच में उपकरण फंसा दिया जाता है और सिलेण्डर से दो-तीन लीटर गैस आसानी से निकाल ली जाती है। इस तरह छह या सात सिलेण्डरों से आठवां सिलेण्डर तैयार कर लिया जाता है। ऐसे तैयार किया गया हर सिलेण्डर उनके लिए 550 रुपए की ‘शुद्धÓ आय तथा उपभोक्ताओं के लिए घाटे का सौदा बन जाता है।

महिलाओं को दिया जाता है धोखा

सिलेंडर से गैस की चोरी करने के बाद उन पर कैप भी बड़ी चतुराई से ऐसे लगाई जाती है कि आसानी से अंदाजा ही नहीं लगाया जा सकता। ये गैस सिलेण्डर उपभोक्ताओं तक ज्यादातर उसी समय पहुंचाए जाते हैं, जब घर में महिलाएं हो। यह खेल सिलेण्डरों की भीड़ के बीच, झाडिय़ों में, बंद कमरे में और हर उस जगह जहां दो सिलेण्डर आमने-सामने रखने की जगह मिल जाए, खेला जा सकता है। उपकरण भी इतना छोटा कि कहीं भी ले जाने या छिपाने में आसानी।

रखते हैं नकली तौल कांटा

हॉकर की साइकल के आगे लटका स्केल की भांति दिखने वाला लंबा कांटा अप्रामाणिक होता है। यह कांटा हल्का सा झटका देने पर दो से तीन लीटर तक का फर्क छिपा देता है। इसी हल्के झटके से गैस हॉकर कमाई कर लेता है। प्रामाणिक कांटा घड़ी जैसा दिखता है। इसमें घड़ी की सुई की तरह गोल घूमने वाला कांटा लगा रहता है। इसमें कोई भी गड़बड़ी आसानी से पकड़ी जा सकती है।

सो . मददगार

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Contributer & Co-Editor at UdaipurPost.com

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