IMG-20140806-WA0042उदयपुर । बहनों का उत्सव रक्षा बंधन के ठीक पहले एक छोटी सी नन्ही सी बहन को बेरहम माँ बाप ने घृणित कार्य करते हुए अपनी बेटी को अस्पताल बाथरूम के बाहर कचरा पात्र में फेंक दिया | सरकार द्वारा चलाये जा रहे बेटी बचाओ समाजों द्वारा की जारही कन्या ह्त्या की प्रतिज्ञाओं पर पानी फिरता नज़र आरहा है |
जानकारी के अनुसार आज सुबह पोन छह बजे पन्नाधाय जानना चिकित्सालय में सफाई कर्मी सफाई कर रही थी तब उसको लेबर रूम के बाहर पड़ी कचरा गाडी में किसी बच्चे के रोने की आवाज़ आई जब उसने जा कर देखा तो वहां पर एक नवजात कन्या कपडे में लिपटी हुई रो रही थी | सफाई कर्मी ने तुरंत अस्पताल अधीक्षक और अन्य कर्म चरियों को सूचना दी | डॉक्टरों ने आकर देखा बच्ची स्वस्थ थी उसको जनजा अस्पताल के नर्सरी में देख रेख के लिए भर्ती किया | बाद में पन्नाधाय अस्पताल अधीक्षक डॉ राजरानी शर्मा ने पुलिस और बाल कल्याण समिति को सूचित कर दिया गया है | अधीक्षक राजरानी शर्मा ने कहा की हम जाँच कर रहे है कि कही अस्पताल में ही जन्म देने वाली माँ ने तो नहीं कचरे की गाड़ी में फेंका |
गौरतलब है की पिछले कुछ महीनों से नवजात कभी कचरे के ढेर में तो कही झाड़ियों में पड़ी हुई मिल रही है जब की जानना अस्पताल के मां भगवती विकास संस्थान बाहर पालन घर लगा हुआ है, और फेंकों मत हमें दो का स्लोगन भी लिखा हुआ है ऐसे में इस तरह कि अमानवीय कृत्य जानने वाली माँ द्वारा किया जारहा है | भगवती विकास संस्थान के देवेन्द्र अग्रवाल का कहना है कि पालना घर के बाहर पहले फेंको मत हमें दो वाला स्लोगन बड़े बड़े बोर्ड पर लिखा था लेकिन अस्पताल प्रशासन द्वारा हटा दिया गया | इसी लिए पिछले छह महीने में नवजात बच्चियों को बजाय पालना घर के इधर उधर पटका जा रहा है |

इनका कहना …
बच्ची मिलने के बाद बाल कल्याण समिति और पुलिस को सूचित कर दिया है। अस्पताल प्रशासन भी जांच कर रहा है कि बच्ची किसकी है। अस्पताल परिसर में हमने कई जगह फेंकों मत हमे दो के स्लोगन लगा रखे है लेकिन जिन्हे छोड़ कर जाना होता है वह कही भी छोड़ जाते है | डॉ राज रानी शर्मा , अधीक्षक पन्ना धय जनाना अस्पताल

मुझे अभी तक बच्ची के मिलाने कि सूचना नहीं दी गयी है | जबकि नियम के अनुसार बच्ची मिलते ही माँ भगवती विकास संस्थान को सौंपी जाना चाहिए | पहले फेंको मत हमे दो का स्लोगन अस्पातल में जगह जगह लगा हुआ था लेकिन अब हटा दिया गया है इस वजह से पिछले छह महीने अधिकतर नवजात बाहर ही mile है | देवेन्द्र अग्रवाल , संस्थापक माँ भगवती विकास संस्थन

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