उदयपुर, राज्य सरकार के निर्देशानुसार चलाये जाने वाले अभियान प्रशासन शहरों के संग को लेकर हुई नगर परिषर्द बोर्ड की बैठक औपचारिक सभा बन कर रही गई। प्रशासन शहरों के संग शिविर में क्या करना है यह ना परिषद अधिकारियों को पता ना ही पार्षदों का समझा पाये। बैठक कच्ची बस्ती के पट्टे निर्माण निषेध क्षेत्र और झीलों की सफाई के बीच उलझ कर रह गयी लेकिन इन पर भी कोई प्रभावी निर्णय नहीं ले पाये।

अगर गिराना है तो पहले बडी बिल्डिंग गिरे फिर गरीबो के मकान की सोचो इससे पहले अगर गरीब जनता के मकान टूटे तो चुप नहीं बैठेगें चाहे हाईकोर्ट प*ांसी लगा दे। यह कहना था शहर विधायक गुलाब चंद कटारिया का चर्चा थी निर्माण निषेध क्षेत्र मे अवेध निर्माण को लेकर सदन इस मुद्दे पर गंभीर नजर तो आयी लेकिन पि*र भी किसी नतीजे पर नहीं पहुंची आरोप प्रत्यारोप का दौर चलता रहा। पक्ष विपक्ष के सभी पार्षदों ने बारी बारी से परिषद पर आरोप लगाये कि परिषद की वजह से आम जनता की नींदे उडी हुई है। स्वास्थ्य समिति अध्यक्ष पारस सिघंवी और पार्षद राजेश सिघंवी ने कहा कि यदि २०११ में ही नगर परिषद की ओर से किसी काबिल अधिवत्त*ा ने पैरवी की होती तो आज यह दिन नहीं देखना पडता।

शहर विधायक गुलाब चंद कटारिया ने सभी की बात सुनने के बाद सुझाव दिया कि जिनको हमने बसाया है वह अवैध कैसे हो जायेगें ओर बडी बडी प*ाइव स्टार होटले झील किनारे होते हुए निर्माण निषेध में नहीं आ रही पि*र मकान कैसे आ रहे है। परिषद की ओर से हाईकोर्ट में रिव्यु याचिका लगाई जाये यही एक रास्ता है।

बैठक के आंरभ में कांग्रेसी पार्षद द्वारा आकस्मिक बोर्ड बेठक बुलाना नियम के विरूद्घ बताया । आयुत्त* ने बतायाकि राज्य सरकार के निर्देशानुसार बैठक बुलायी गयी है। प्रशासन शहरों के संग शिविर मेंं होने वाले कार्यो की जानकारी दी। लेकिन कच्ची बस्ती के पट्टो को लेकर कोई स्थिति स्पष्ट नहीं हो पायी । शहर में ४० बस्तियां है इनमें से किनको पट्टे मिलने है यह भी स्पष्ट नहीं हो पाया। पारस टाकीज से लेकर गवरमेंट प्रेस तक ५० साल पुरानी बस्ती को पट्टो को लेकर भी माहौल् गर्माया लेकिन वह भूमि वन क्षेत्र में होने से आयुत्त* ने सभी पट्टे मिलने में असमर्थता जताई।

कटारिया ने भी कहा कि जिन बस्तियों को पट्टे नहीं दिये जा सकते उनके लिये आगे की कार्यवाही करे लेकिन जहां पट्टे दे सकते है उनके लिऐ नियम और कागजी कार्यवाही के लिए पर्चे ओर विज्ञापन छपवा कर सूचित करें।

झीलों की सप*ाई के मुद्दे को लेकर सभी पार्षदों ने अपनी अपनी राय दी लेकिन कोई प्रस्ताव नहीं बन पाया। पारस सिघंवी ने कहा कि अलग-अलग झीलों के सप*ाई का ठेका देना अलग अलग है। प्रतिपक्ष नेता दिनेश श्रीमाली ने दूधतलाई की सप*ाई की ओर ध्यान दिलाया।

पार्षद पू*ल ङ्क्षसह मीणा ने उदयसागर में आय$ड नदी में होकर नालों और पै*क्ट्रियों के गंदे पानी की ओर ध्यान आकर्षित किया। रेहाना जर्मनवाला ने लिंक नहर की सप*ाई का मुद्दा उठाया तो पार्षद अब्दुल सलाम ने गुलाब बाग स्थित कमल तलाई की दुर्दशा पर ध्यान देने को कहा।

विधायक कटारिया ने सभी की बात सुनने के बाद सभापति को कहा कि सबसे चर्चा कर झीलों की सप*ाई का जिम्मा नगर परिषद को उठाना चाहिए साथ ही झीलों से होने वाली आय के बारे में भी सोचना चाहिए ताकी झीलों की देखभाल हो सके।

दिपावली दशहरा मेले को लेकर बैठक में कोई चर्चा नहीं की गयी। मेला संयोजक धनपाल स्वामी भी बीच बैठक में उठकर कार्य होने का बहाना कर चलते बने।

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