उदयपुर। दीपावली के दिन शहर गन्दा करने की धमकी दी है बेरोज़गार सफाई कर्मियों ने। नगर निगम में अटकी पडी सफाई कर्मियों की भर्ती के विरोध में बुधवार को वाल्मिकी ओर हेला समाज के लोगों ने जिला कलेक्ट्री के बाहर नगर निगम की ओर से अटकाई जा रही भर्ती पर रोष व्यक्त किया। मुख्य मंत्री को दिए ज्ञापन में अगर 7 दिन में इसका निस्तारण नहीं किया गया तो दीपोत्सव के दिन शहर गन्दगी से भर जायेगा।
हो सकता है दीपो के महोत्सव के दौरान स्मार्ट सिटी उदयपुर में गंदगी ही गंदगी रहेगी और जिसनें भी इस शहर को साफ करने का प्रयास किया उसे बुरा खामियाजा भुगतना भी पड़ सकता है। 738 जरूरतमंदों ने जिला कलेक्टर के मार्फत मुख्य मंत्री को आज धमकी दी है कि दिवाली से पहले अगर उन्हें सरकारी नियुक्त नहीं मिली तो वह झाडू रोको आंदोलन करेंगे और किसी को भी सफाई नहीं करने देंगे। बेरोजगार सफाई कामगार संघर्श समिति की ओर से बुधवार को मुख्य मंत्री के नाम जिला कलेक्टर को भर्ती प्रकिृया पूरी करने को लेकर ज्ञापन दिया गया। जिसमें हवाला दिया गया है कि तत्कालीन राजस्थान सरकार ने 2012 में सफाई कामगारों के नवीन पद सृजित करके 20 हजार सफाईकर्मियों की सीधी भर्ती करने की अनुषंसा की गई थी। इसके तहत उदयपुर नगर निगम में 1054 सफाई कर्मचारियों के पदों की आवष्यतानुसार निकाय ने भर्ती करने के लिए दिशा निर्देष जारी किए गए थे। लेकिन अभी तक सरकार द्वारा बार – बार नियमों में परिवर्तन और टालमटोल की नीति के चलते समय पर भर्तियां नहीं की जा सकी। 2014 में सिर्फ 97 विधवा और 219 महिलाओं का आरक्षित कोटा पूरा करते हुए नियुक्तियां दी गई और बाकी 738 सफाईकर्मियों को बाद में भर्ती करने का आष्वासन दिया गया। इसके बाद से ही भर्ती प्रकिृया में न्यायालय से रोक का बहाना बनाकर भर्तियां जबरदस्ती अटका रखी है। इतना ही नहीं ज्ञापन में इस बात का हवाला भी दिया गया है कि परम्परागत सफाई विषेश जाति सुदाय के लोग ही करते आए है और वह ही असल में कर सकते है। लेकिन अन्य लोगों को सफाई के पदों पर आसानी से भर्ती मिल जाती है, परंतु बाद में काम करने में असमर्थ रहते हैं। भारत सरकार के वित्त मंत्रालय की ओर से विभिन्न विभागों और निकायों में सफाई समुदाय के परम्परागत सदस्यों को ही प्राथमिकता देने के दिषा निर्देष लिखीत में जारी किए गए थे लेकिन सरकार द्वारा उन निर्देषों के अनुरूप न्यायालय में उचित पैरवी नहीं करने के कारण विपरित स्थितियों का सामना करना पड़ रहा है। वाल्मीकि और हेला समाज के युवकों ने जिला कलक्ट्री पर प्रदर्शन करते हुए मांगे नहीं माने जाने पर शहर को गन्दा करने की चेतावनी दी है।

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