8482_yashजयपुर.एक बार समझकर पढ़ लो। घर पर रिवाइज कर लो। दुबारा पढ़ने की जरूरत नहीं। न ही रट्टा लगाना पड़ेगा। टीचर की इस सीख का अनुसरण किया। कभी रट्टा नहीं लगाया। समझकर याद किया। मेरिट में स्थान हासिल करने में सफल रहा।

 

एनटीएसई के फर्स्ट लेवल पर राजस्थान में दूसरी रैंक प्राप्त करने वाले यश शर्मा एक हाथ से पैन पकड़ने में असमर्थ हैं। दोनों हाथ से पैन पकड़कर ठोड़ी के सहारे से लिखते हैं। पांच साल पहले पतंगबाजी करते हुए पतंग हाइटेंशन के तारों में उलझ गई थी। पतंग को सुलझाने के लिए आयरन रॉड का सहारा लिया। करंट का झटका लगा।

 

यश बताते हैं, बेहोशी से आंख खुली तो खुद को हॉस्पिटल में पाया। शरीर का काफी हिस्सा झुलस चुका था। हाथों ने काम करना बंद कर दिया था। उस वक्त वे नौ साल के थे। पांचवीं क्लास में पढ़ते थे। डॉक्टर्स ने हाथ काटने की सलाह दी थी। समझ नहीं आ रहा था, जिंदगी कैसे आगे बढ़ेगी? पापा किराने की दुकान करते हैं। उन्होंने न खुद हिम्मत हारी।

 

न ही मुझे हिम्मत हारने की सलाह दी। चार सर्जरी हुईं। पैरों से नसें निकालकर हाथों में डाली। धीरे-धीरे हाथों ने काम करना शुरू किया। अभी वे सीधे हाथ से कुछ नहीं पकड़ सकते। लिखते समय अंगुलियों में सूजन आ जाती है। बायां हाथ भी चालीस परसेंट ही काम करता है। लिखने में स्पीड नहीं है। टीचर्स ने सहयोग दिया। आत्मविश्वास और हौसले से आगे बढ़े। सफल रहे।

 

Previous articleपरीक्षा के समय साउंड सिस्टम तेज बजाने वालों पर पुलिस कार्रवाई करेगी
Next articleदेर रात तक तेज़ आवाज़ में साउंड बजने पर होटल लीला प्रबंधक के खिलाफ FIR
Contributer & Co-Editor at UdaipurPost.com

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here