मेवाड़ की सबसे हॉट सीट वल्लभनगर में गृहमंत्री गुलाबचंद कटारिया सोमवार को रौद्र रूप में नजर आए। उन्होंने अपने धुर विरोधी जनता सेना संरक्षक रणधीर सिंह भींडर को उनके घर में जाकर ललकारा। उन्होंने मतदाताओं से कहा, चाहे कांग्रेस को वोट दे देना, लेकिन जनता सेना के रणधीरसिंह भींडर को वोट मत देना। इन्हें वोट देना अपने मत को कुएं में डालने जैसा है। मौका था नामांकन के अंतिम दिन भाजपा प्रत्याशी उदयलाल डांगी के नामांकन के बाद का। आमसभा में गृहमंत्री कटारिया भींडर पर जमकर बरसे। वे बोले- देश में भाजपा-कांग्रेस दो ही पार्टियां हैं। आप दोनों दलों के प्रत्याशियों को तराजू पर तौल कर वोट दे देना, पर जनता सेना या रणधीरसिंह भींडर को वोट मत देना। अगर आप अपना वोट इन्हें दोगे तो वह पत्थर बनकर आपके माथे मेंे ही वापस आकर लगेगा।

और कटारिया बोले… भींडर के रावले में कैद भाजपा को निकालने आया हूं

वल्लभनगर के दशहरा चौक में हो रही सभा के दौरान कटारिया इतने आवेशित हो गए कि कुर्सी पर बैठे-बैठे भाषण देने के दौरान वे अचानक खड़े हो गए। कटारिया ने कहा कि हमने जिस भाजपा को खून और पसीने से सींचकर लोकप्रिय बनाया था, वह आज वल्लभनगर की भाजपा रावले में कैद होकर रह गई है। इसे इस रावले से निकालने के लिए ही हमने किसान के एक बेटे को टिकट दिया है। कटारिया ने कहा कि जनता सेना वाले सपने देख रहे हैं कि वे चुनाव जीत जाएंगे। लेकिन अब की बार वे जमानत भी बचा करके बता दें तो मान जाऊंगा। लोगों ने मुझे कई बार कहा कि भाई साहब आप वहां जाकर उनके खिलाफ भाषण दोगे तो चुनाव हार जाओगे। मैंने कहा कोई बात नहीं- मैं चुनाव हार जाऊं, लेकिन पार्टी चुनाव जीतनी चाहिए।

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इनकी मंजिल कांग्रेस या भाजपा | कटारिया ने कहा कि जनता सेना भींडर-कानोड़ तक ही हैं। हमें अपने पैर जमाने के लिए 55 साल लगे। जनता सेना वाले नेता की उम्र इतनी हो गई कि अब वह कहां तक चला पाएंगे। ये मानते हैं जनता सेना का राजस्थान में राज आ जाएगा। लेकिन जीत भी जाओगे तो कहां जाओगे जाना तो भाजपा-कांग्रेस में ही पड़ेगा, अलग से खड्डे में जाकर पड़ने से क्या फायदा।

कटारिया को इतना गुस्सा क्यों आया? |राजनीतिक प्रेक्षकों की मानें तो मेवाड़ के दिग्गज नेता गुलाबचंद कटारिया को इतना गुस्सा आना स्वाभाविक ही है। क्योंकि पिछले कई दिन से जनता सेना के नेता रणधीरसिंह भींडर उदयपुर शहर में आकर गृह मंत्री गुलाबचंद कटारिया को चुनौतियां दे रहे हैं। उन्होंने भाजपा के नेता दलपत सुराणा को टिकट देकर चुनाव में भी उतार दिया है। दलपत सुराणा जैन हैं और वे कटारिया के परंपरागत भाजपा और जैन वोटों में सेंध लगा लेंगे, इस सोच के साथ उन्हें चुनाव मैदान में उतारा गया है। लेकिन कटारिया ने इसका जवाब सोमवार को वल्लभनगर जाकर दिया और भींडर को ललकारा कि किसी की मां ने दूध पिलाया है तो वह उन पर एक भी आरोप लगाकर और साबित करके तो बताए। वे यह भी कह चुके हैं कि वे जीते जी भींडर को भाजपा में नहीं आने देंगे।

क्या मैं चोर-डाकू-लुटेरा या बदमाश हूं!

कटारिया ने कहा : ये बोलते है, गुलाबचंद हारना चाहिए। लेकिन मुझे बताआे कि क्या मैं चोर हूं? बदमाश हूं?डाकू या लुटेरा हूं? मैं 40 साल से राजनीति में हूं। उन्होंने भींडर को ललकारा कि किसी को किसी मां ने दूध पिलाया है तो एक दाग लगाकर बता दे।

इस चुनाव में जगह-जगह गूंज रहा है गुलाबचंद कटारिया का मुहावरा : वोट कुएं में डाल दो

वोट कुएं में डाल दो, मेवाड़ की चुनावी सियासत में यह मुहावरा काफी लोकप्रिय हो गया है। दरअसल यह कटारिया का ही ईजाद किया हुआ मुहावरा है। इसी साल अप्रैल में उन्होंने उदयपुर शहर के वार्ड दस में संपर्क करने के दौरान इसका प्रयोग किया था। उन्हें वार्ड की महिलाओं ने साफ सफाई को लेकर शिकायत की तो उन्होंने अनसुनी कर दी। इस पर भड़की महिलाओं ने उन्हें उलाहना दिया कि वोट तो आपको देते हैं। समस्या भी आपको ही बताएंगे। इस पर तमतमाए कटारिया ने कह दिया : अगली बार आप अपना वोट कुएं में डाल देना। लेकिन इसके बाद से कटारिया के विरोधी इस मुहावरे को ले उड़े और इसे जगह-जगह इस्तेमाल कर रहे हैं। इसे देखते हुए अब मेवाड़ की सियासत बेहद दिलचस्प हो गई है।

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