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उदयपुर। वन विभाग ने आज सुबह 10 बजे से सालभर की सबसे बड़ी गतिविधि वन्यजीव गणना शुरू कर दी है। इसके लिए उदयपुर डिवीजन के वनों में 200 वाटर हॉल में करीब 500 वन्यजीव प्रेमी और वनकर्मी 24 घंटे तक निगरानी रखेंगे। वैशाख शुक्ल पक्ष पूर्णिमा की दूधिया रोशनी में उदयपुर वाइल्ड लाइफ डिविजन के फुलवाड़ी की नाल, जयसमंद, सज्जनगढ़, बागदड़ा और वन क्षेत्र के साउथ, नॉर्थ डिवीजन वन्यजीवों की गणना का रोमांच रहेगा। विभाग ने हर वाटर हॉल पर कम से कम दो और अधिकतम चार जनों को तैनात किया है। वन्यजीव प्रेमी, एनजीओ और विभाग के एक्सपर्ट की टीम जगह जगह तैनात है। वन क्षेत्रों में कई जगह मचान बनाकर भी गणना की जा रही है। सज्जनगढ़ अभ्यारण में कैमरों द्वारा गणना की जा रही है। गणना में वन विभाग के अधिकारियों, वनकर्मियों, स्कूली छात्र और शिक्षक, वन्यजीव प्रेमी सहित कई लोग शामिल है।
मोबाइल का उपयोग नहीं कर सकेंगे : गणना के दौरान कोई भी कार्मिक अपने मोबाइल का उपयोग नहीं करेगा। यही नहीं किसी भी प्रकार की खुशबू वाली वस्तु का इस्तेमाल भी नहीं करेगा। कार्मिक जो जूते और चप्पल पहन कर जाएंगे, उनको मचान के ऊपर ही रखना होगा।
सांस भी रोकनी पड़ती है : मचान पर बैठे लोगों को जब दूर से जानवर आते दिखाई देते हैं तो कई बार सांस भी रोकनी होती है। कारण सांस की आवाज सुन कर भी जानवर लौट जाया करते हैं। साथ ही मचान पर बैठे लोगों को बीड़ी, सिगरेट पीने तक की मनाही होती है।
यह वन्य जीव है जिले में : पैंथर, जंगली कुत्ते, रोजड़ा, जंगली सुअर, सियार, जरख, लोमड़ी, भेडिय़ा, सियागोश, जंगली बिल्ली, कब्र बिज्जु, नेवला, वनियोर, चींटी खोर, सेही आदि।
वर्जन…
आज सुबह 10 बजे से वन्य जीव गणना शुरू हुई है, जो कल सुबह 10 बजे तक चलेगी। सज्जनगढ़ अभयारण में कमरों से ट्रेकिंग की जा रही है, बाकि जगह मचान बनाकर कार्मिक निगरानी रख रहे हैं।
-टी. मोहनराज, डीएफओ वाइल्ड लाइफ

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