2509_28उदयपुर। फतह स्कूल ग्राउंड में बारहवीं के छात्र का शव पेड़ पर फंदे से लटका हुआ मिला। रविवार सुबह शव देखकर छात्रावास के वार्डन ने पुलिस को सूचना दी। पुलिस सहित सामाजिक एवं न्याय अधिकारिता विभाग के अधिकारी भी मौके पर पहुंचे। पुलिस ने छात्र के परिजनों को सूचना दी और मौका-मुआयना के बाद शव उतारा। छात्र के पिता ने उसके कुछ दोस्तों पर हत्या का संदेह जताया है।

पुलिस ने बताया कि कुराबड़ निवासी देवीलाल (17) पुत्र शिवलाल रावत मीणा फतह स्कूल में 12 वीं का छात्र था। देवीलाल सामाजिक एवं न्याय अधिकारिता विभाग की ओर से फतह स्कूल के छात्रावास में ही रहता था। दीपावली की छुट्टियों के चलते अधिकतर छात्र छात्रावास से जा चुके थे।

सुबह स्कूल चौकीदार ने वार्डन को फोन किया और उन्हें देवीलाल के शव के ग्राउंड में फांसी के फंदे से लटके हुए होने की जानकारी दी। छात्रावास के वार्डन सुशील बंधु ने बताया कि देवीलाल शनिवार सुबह ही हॉस्टल से निकल गया था। उसके पिता लेने आए, तब तक वह जा चुका था। घर न पहुंचकर वह दिनभर कहां रहा, इसकी जानकारी नहीं है।

॥छात्र के आत्महत्या करने की सूचना मिली थी। इस पर सुबह टीम सहित मौके पर पहुंचे थे। शनिवार रात तक हॉस्टल से अधिकतर बच्चे दीपावली की छुट्टियों के चलते जा चुके थे। कुछ ही छात्र बचे थे। देवीलाल के फांसी लगाने के कारणों के बारे में पुलिस तफ्तीश कर रही है।

मांधाता सिंह, उप निदेशक, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग

हत्या का संदेह

छात्र के पिता शिवलाल ने बताया कि उनका बेटा आत्महत्या नहीं कर सकता है। एक लड़की के चलते उन्हें उसके दो दोस्तों पर मार कर लटका देने का संदेह है। शनिवार को बेटे को लेने हॉस्टल गया था। वह वहां नहीं मिला। बताया गया कि वह निकल चुका है। इसके बाद से उसे कई फोन लगाए और मैसेज किए लेकिन बात नहीं हुई। रात 11.30 बजे शिवलाल की उसके चाचा कन्ना से फोन पर बातचीत हुई थी। जिसमें कन्ना ने शिवलाल से सुबह आकर ले जाने के लिए कहा था। उस वक्त भी शिवलाल ने उसके चाचा से परेशान होने जैसी कोई बात नहीं बताई थी।

अलग से सुरक्षा गार्ड नहीं

फतह स्कूल के प्रिंसिपल एम.पी. सिंह ने बताया कि घटना स्कूल के पीछे स्थित दो हॉस्टल के पीछे के ग्राउंड की है। वहां हॉस्टल कर्मचारी ही ध्यान रखते हैं। स्कूल के परिसर की चौकीदारी के लिए सरकार की ओर से अलग से सुरक्षा गार्ड नहीं है। स्कूल में काम करने वाले चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी को ही पहरेदारी के लिए लगाते हैं। चपरासी की नाइट में ड्यूटी लगती है, लेकिन ये भी स्कूल भवन और यहां के आगे के हिस्से में ही रहते हैं।

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