Udaipur Post। आयड नदी सौंदर्यीकरण की योजना शहरवासियों के लिए एक तरह से दिवा स्वप्न बन कर गई है। प्रशासनिक बैठकों में आयड नदी को वेनिस की तरह सुंदर बनाने की बातें सुनते सुनते शहरवासियों के कान पक चुके हैं लेकिन आयड सुंदर होने की बजाय इसकी दशा दिनों दिन और बिगडती जा रही है।
आयड नदी सौंदर्यीकरण की योजना के अंतर्गत ही यूआईटी ने दो साल पहले यूआईटी पुलिया से गुमानिया वाला नाला तक नाले के ठीक बीच एक केनाल का निर्माण किया था। योजना के अनुसार केनाल में सालभर साफ सुथरा पानी भरा रहना था और इसके आसपास फूलों की क्यारियां विकसित की जानी थी लेकिन हुआ कुछ और ही। केनाल वाला यह हिस्सा खुबसूरत बनने की बजाय और अधिक दुर्दशा का शिकार हो गया। केनाल में गंदा पानी भरा हुआ है और सडांध मार रहा है, वहीं फूलों की क्यारियों की जगह खरपतवार उगी हुई है। लाखों रूपए खर्च किए जान के बाद भी यूआईटी द्वारा ध्यान नहीं दिए जाने से यह योजना गंदगी में डूबी हुई है।
विभाग सरकारी धन को किस तरह व्यर्थ बहाते है इसका आयड नदी से जुडे गुमानिया वाला नाले में बनाई गई केनाल से अच्छा उदाहरण नहीं हो सकता है। यूआईटी पुलिया से रायल मोटर्स पुलिया तक नाले में केनाल की योजना उद्देश्यहिन बन कर रह गई है। केनाल वाले क्षेत्र में पर्यटकों का हमेशा दबाव बना रहता है। इसे देखते हुए ही योजना को बनाया गया था ताकि यहां आने वाले पर्यटकों का नदी की सुदंरता के प्रति भी आकर्षण बढे, लेकिन हुआ कुछ और ही केनाल से न तो यह नाला सुंदर हुआ और न ही पर्यटकों का आकर्षण बढा है। उल्टा केनाल के गंदगी का शिकार होने से बाहर से आने वाले मेहमान पर्यटकों में लेकसिटी के प्रति अच्छा संदेश नहीं जा रहा है।
यूआईटी द्वारा जिस नाले में केनाल बनाई गई है यह स्वरूप सागर व पफतह सागर झील का ओवर फ्लो बहाव मार्ग भी है। यूआईटी यदि योजना के मेंटनेंस पर ध्यान देती तो शायद यह सफल भी होती, लेकिन यह कहना गलत नहीं होगा कि यूआईटी कोे केवल आयड नदी सौंदर्यीकरण के नाम पर तय किया गया बजट खर्च करना था और बिना दीर्घ सौच के ही केनाल का निर्माण कर दिया गया। ऐसे यह योजना पुरी तरह से फेल हो गई है। यूआईटी को इसका मलाल हो चाहे ना हो लेकिन जनता को जरूर अपफसोस है कि उनकी गाडी कमाई को सरकारी विभाग किस तरह व्यर्थ खर्च कर रहे हैं।