उदयपुर। पद्मावत का विरोध, विरोध के बाद सत्ता पक्ष को उप चुनाव में मिली करारी हार से साड़ी गणित बिगड़ गयी और लगता है उसी के चलते अब राज्य सरकार पद्मावत का विरोध करने वालों से बदला लेने के मूड में आगयी है। इस बदले की कार्रवाई की शुरुआत की उदयपुर में मेवाड़ के पूर्व राजघराने के महेंद्र सिंह मेवाड़ से जिनके खिलाफ राज्य सरकार अब पुलिस के माध्यम से क्रिमिनल डोजियर तैयार करवा रही है।
हाल ही में उदयपुर एसपी राजेंद्र प्रसाद गोयल के हस्ताक्षरयुक्त पत्र में उनको कांग्रेस पार्टी का सक्रिय कार्यकर्ता बताते हुए आपराधिक पृष्ठभूमि की जानकारी मांगी है। और यहाँ मामला सामने तब आया जब घंटाघर थाने का एक कांस्टेबल यह लेटर लेकर महेंद्र सिंह मेवाड़ के पास पहुंच गया। हालाँकि पात्र गोपनीय था लेकिन फिर भी फेसबुक और व्हाट्सअप पर वायरल हो गया। पत्र को लेकर महेंद्र सिंह मेवाड़ ने खासी नाराज़गी जताई मामले को टूल पकड़ता देख एडिशनल एसपी ने पत्र को लेकर माफ़ी भी मांगी और गृहमंत्री गुलाब चाँद कटारिया ने भी खेद जताते हुए कांस्टेबल को लाइन हाज़िर कर दिया।

आइये जानते है आखिर क्या है पूरा मामला :

दरअसल, पुलिस अधीक्षक राजेंद्र प्रसाद गोयल ने 5 फरवरी को यह गोपनीय पत्र जारी कर सूरजपोल थाने पहुंचाया था। जबकि, महेंद्र सिंह मेवाड़ का निवास स्थान समोर बाग घंटाघर थाना क्षेत्र में होने के कारण 7 फरवरी को सूरजपोल ने घंटाघर थाने में देने के लिए भिजवाया। बताया गया कि घंटाघर थानाधिकारी उमेश ने पत्र जांच के लिए रखा, लेकिन कॉन्स्टेबल सूरजमल पत्र लेकर मेवाड़ के सामने पेश हो गए, जिससे पूरा मामला खुल गया।

मेवाड़ ने पत्र पर गहरी नाराजगी जताते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह सहित सरकार के कई प्रतिनिधियों को पत्र लिखा है। महेंद्र सिंह सिर्फ मेवाड़ ही नहीं देशभर के राजपूत समाज में प्रतिष्ठित व्यक्ति होने के कारण समाज के नेताओं ने इस अशोभनीय भाषा में लिखे पत्र पर गहरा आक्रोश जताते हुए कहा है कि सरकार उन पर शिकंजा कस रही है

क्या कहना है पुलिस अधिकारियों का :
पुलिस अधीक्षक राजेंद्र प्रसाद गोयल का कहना है कि यह गोपनीय पत्र है। वीआईपी पर्सन की सुरक्षा के लिए जिला विशेष शाखा में जानकारी रखी जाती है। विशेष रूप से मेवाड़ के लिए अगल से कोई आदेश नहीं दिया है। गोयल ने साफ़ किया कि इस पात्र को लेकर ना तो कही पद्मावत मुद्दा है और यह पत्र राजनीतिक भी कतई नहीं है। पत्र की भाषा जरूर कई साल से ऐसी ही चली आ रही है। इसमें संशोधन करेंगे।
इसमामले में आईजी को कुछ नहीं पता ना ही घंटाघर थाना अधिकारी को पता है।
होम मिनिस्टर गुलाबचंद कटारिया ने मामले पर कहा कि यह मामला ध्यान में आया है और इस बारे में कॉन्स्टेबल को लाइन हाजिर भी कर दिया है। पुलिस रुटीन में राजनेताओं की जानकारी रखती है। ऐसे पत्र में मेरा नाम भी होगा। जैसे ही महेंद्र सिंह मेवाड़ के यहां से जानकारी मिली तो एएसपी ने उनसे माफी भी मांग ली है। -,

इस मामले को लेकर समाज के संगठों में गुस्सा :
राजपूत समाज मेवाड़ क्षत्रीय महासभा के संरक्षक रावत मनोहर सिंह कृष्णावत ने कहा है कि पूर्व महाराणा महेन्द्र सिंह मेवाड़ राजपूतों के ही नहीं, बल्कि मेवाड़ के मानबिंदु हैं। यह पत्र व्यवहार अशोभनीय है। हालांकि उन्होंने कहा कि वे इस प्रकरण को लेकर जब एसपी से मिले तो उन्होंने कहा कि उनके अवकाश पर होने से यह गफलत हो गई। एएसपी ने उनके माफी भी मांग ली है। सकल राजपूत महासभा के संरक्षक तनवीर सिंह कृष्णावत ने कहा है कि पद्मावत प्रकरण को लेकर सरकार राजपूत समाज के नेताओं पर शिकंजा कसने की कोशिश कर ही है जो बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

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