61RPJHONL006290120153Z02Z55 AMराजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के नए अध्यक्ष की नियुक्ति के साथ ही दसवीं और बारहवीं कक्षाओं के पाठ्यक्रम में बदलाव की तैयारी शुरू हो गई है। संभवत: अगले शिक्षा सत्र से राज्य के लगभग 20 लाख विद्यार्थी नई पुस्तकों और नए पाठ्यक्रम के साथ पढ़ाई करेंगे।

पाठ्यक्रम में बदलाव के साथ अब पुस्तकों के लेखन और प्रकाशन सहित उनके वितरण का काम भी बोर्ड अपने हाथ में लेगा। वर्ष-2010 से पुस्तकों का प्रकाशन भी पाठ्य पुस्तक मंडल जयपुर के हवाले है।

बोर्ड से संबद्ध राज्य के सरकारी विद्यालयों सहित लगभग 35 हजार निजी विद्यालयों में फिलहाल केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) की तर्ज पर राष्ट्रीय श्ौक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिष्ाद (एनसीईआरटी) का पाठ्यक्रम लागू है।

राज्य सरकार से बदलाव की अनुमति मिलते ही बोर्ड प्रशासन केन्द्रीय पाठ्यक्रम समिति का गठन करेगा। यह समिति मौजूदा पाठ्यक्रम में अपेक्षित बदलावों पर मंथन करेगी।

राज्य के संदर्भ में होगा समावेश
प्रदेश में भाजपा सरकार बनने और नए बोर्ड अध्यक्ष की नियुक्ति के साथ ही पाठ्यक्रम में फेरबदल की संभावना व्यक्त की जा रही थी। संभवत: मौजूदा पाठयक्रम में अब तक उपेक्षित माने जा रहे राज्य के शिक्षाविदों, स्वाधीनता सेनानियों, शूरवीरों, जनप्रतिनिधियों और बड़े समाजसेवियों सहित भाजपा विचारधारा के समर्थक लोगों से जुड़ी जानकारियों को शामिल किया जाएगा। बोर्ड प्रशासन का मानना है कि एनसीईआरटी के मौजूदा पाठ्यक्रम में बड़ा बदलाव तो नहीं होगा लेकिन राज्य के संदर्भ में नए पाठ्यक्रम का समावेश किया जाएगा।

इनका कहना है
मौजूदा एनसीईआरटी पाठ्यक्रम में बीस प्रतिशत तक बदलाव किया जा सकता है। इसके तहत राज्य के संदर्भ में शिक्षा से संबंधित पाठ्यक्रम का समावेश किया जाएगा। इसके लिए केन्द्रीय पाठ्यक्रम समिति बनेगी। क्या हो सकता है इस बारे में विस्तृत पुनरावलोकन होगा। राज्य सरकार को प्रस्ताव भिजवा दिया गया है।
प्रो. बी.एल. चौधरी, अध्यक्ष राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड

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