उदयपुर। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो टीम ने सोमवार को कार्रवाई करते हुए जल ग्रहण विकास एवं भू संरक्षण विभाग (वाटर शेड) के एईएन विपिन कुमार और जेईएन गोपाल पटेल को 2 लाख 4 हजार रुपए की रिश्वत लेते गिरफ्तार किया है। यह रिश्वत आरोपी अधिकारी पीड़ित ठेकेदार से ४० लाख का बिल पास करने के लिए कमीशन के रूप में मांग रहे थे।
एईएन और जेईएन पीड़ित ठेकेदार रतन सिंह चूंडावत ने बिल के 20 प्रतिशत के अनुसार 8 लाख 4 हजार रुपए राशि कमीशन के तौर पर रिश्वत में मांगी थी। इसमें से 6 लाख रुपए एईएन-जेईएन पीड़ित से ले चुके थे।
जानकारी के अनुसार 2लाख रुपए की रिश्वत लेते गिरफ्तार हुए वाटर शेड विभाग के जेईएन-एईएन कमीशन के नाम पर ठेकेदारों से रिश्वत लेने के लिए उनसे हस्ताक्षरशुदा चेक पहले ही एडवांस में ले लेते थे, ताकि बाद में ठेकेदार इनकार नहीं कर दे। एडिशनल एसपी डॉ. राजेश भारद्वाज ने बताया कि भूपालपुरा निवासी एईएन विपिन बापना पुत्र शिवकुमार को 2 लाख 4 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए उसके घर से और जेईएन गोपाल पुत्र रामलाल पटेल के कब्जे से पीड़ित का 7 लाख रुपए का चेक जब्त कर मनवाखेड़ा स्थित घर से गिरफ्तार किया है। विभाग ने बड़गांव पंचायत समिति के कठार गांव में ट्रेंच और कच्चे चेकडेम सहित अन्य कार्य के 1 करोड़ रुपए के टेंडर किए थे। यह ठेका दशरथ सिंह शक्तावत के नाम पर हुआ था, इसके प्रतिनिधि झालों का गुड़ा निवासी रतन सिंह चूंडावत ने ठेके का काम करवाया। रतन सिंह 80 लाख रुपए के काम करवा चुका था। अभी उसका 40 लाख रुपए का बिल पास होना था। यह बिल पास करने की एवज में एईएन और जेईएन कुल राशि के 20 प्रतिशत के अनुसार 8 लाख 4 हजार रुपए की रिश्वत राशि मांग रहे थे। बिल पास करवाने के लिए एईएन और जेईएन को परिवादी रतन सिंह अलग-अलग समय में 6 लाख रुपए दे चुका था। एईएन और जेईएन ने 40 लाख रुपए का बिल पास करते समय परिवादी का हस्ताक्षर किया हुआ 7 लाख रुपए का एडवांस चेक पहले ही ले लिया था, ताकि बची हुई रिश्वत राशि 2 लाख 4 हजार रुपए परिवादी देने से इनकार नहीं कर दे। पीड़ित को एईएन-जेईएन ने धमकी दी थी कि रिश्वत की बची राशि नहीं दी तो वे इस चेक का दुरुपयोग करेंगे और ठेके का नो-ड्यूज और पूरा हिसाब नहीं करेंगे। काफी परेशान होने के बाद रतन सिंह ने एसीबी ऑफिस शिकायत की।
निरीक्षक हनुवंत सिंह ने बताया कि जेईएन गोपाल पटेल की 2015 में ही विभाग में भर्ती हुई है। वि नवंबर 2015 से प्रोबेशन पीरियड में वाटर शेड के प्रतापनगर स्थित कार्यालय में काम कर रहा था। प्रोबेशन पीरियड में ही रिश्वत लेनी शुरू कर दी थी। इसी महीने 6 नवंबर को उसका प्रोबेशन पूरा हुआ था। वहीं एईएन विपिन कुमार बापना 1997 में विभाग में जेईएन पद पर भर्ती हुए थे, 2013 में पदोन्नत होकर एईएन बने और तब से यहीं पर कार्यरत थे।
सत्यापन में एईएन और जेईएन के रिश्वत मांगने की पुष्टि हुई। इस पर सोमवार को एसीबी निरीक्षक हरीश चन्द्र सिंह और हनुवंत सिंह के नेतृत्व में टीम ने ट्रेप का जाल बिछाया। एईएन ने रिश्वत लेने के लिए परिवादी रतन सिंह को अपने घर ही बुला लिया। एसीबी टीम ने एईएन विपिन कुमार को 2 लाख 4 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया। इसके बाद एसीबी टीम ने जेईएन गोपाल को उसके मनवाखेड़ा स्थित घर पर दबिश देकर गिरफ्तार कर लिया।

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