उदयपुर पोस्ट .विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के आशा अनुरूप प्रदर्शन नहीं होने से नाखुश कांग्रेस आलाकमान ने अब लोकसभा चुनावों को देखते हुए जिलाध्यक्षों पर नकेल कसना शुरू कर दी है। आलाकमान ने प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडे और चारों ओर से प्रभारियों को यह जिम्मा सौंपा है कि वह सभी जिला कांग्रेस कमेटियों के अध्यक्षों के तीन साल के कार्यकाल का रिपोर्ट कार्ड तैयार करें और जहां बदलाव संभव हो वहां तुरंत फैसले लें ।
जानकारों की माने सह प्रभारी जिलाध्यक्षों के कामकाज की रिपोर्ट का आंकलन कर रिपोर्ट कांग्रेस आलाकमान को भेजेंगे। माना जा रहा है कि रिपोर्ट आलाकमान को भेजने के बाद कई जिलों में बदलाव देखने को मिल सकता है।
कई जिलाध्यक्षों को बदला जा सकता है या फिर जिला संगठन को मजबूती देने के लिए कार्यकारी जिलाध्यक्षों की नियुक्तियां की जा सकती हैं। वहीं विधानसभा चुनाव में पार्टी के पक्ष में लहर होने के बावजूद अपने प्रत्याशियों को जिताने में असफल रहे कुछ जिलाध्यक्षों पर गाज गिर सकती है। उनसे प्रत्याशियों की हार की वजह के कारण भी पूछे जा सकते हैं।इधर आलाकमान के इस निर्णय से प्रदेश कांग्रेस की राजनीति में हलचल तेज हो गई है।

चुनावी प्रदर्शन पर भी नजर
वहीं कांग्रेस आलाकमान की विधानसभा चुनाव में जिलाध्यक्षों के रहे प्रदर्शन पर भी नजर है। दरअसल प्रदेश में कई जिले ऐसे हैं जहां पार्टी का प्रदर्शन विधानसभा चुनाव में कमजोर रहा है, इनमें बीकानेर, अजमेर, कोटा, उदयपुर जैसे अहम जिले भी शामिल हैं ।
इन दिनों में कांग्रेस की शहर व देहात इकाइयों अलग-अलग हैं। इन जिलों में कांग्रेस के कई दिग्गज नेताओं को हार का सामना करना पड़ा है। ,जिनमें नेता प्रतिपक्ष रहे रामेश्वर डूडी, पूर्व सांसद रघुवीर मीणा, पूर्व मंत्री नसीम अख्तर इंसाफ, वीरेंद्र बेनीवाल, मांगीलाल गरासिया जैसे दिग्गज भी शामिल हैं।
ऐसे में इन जिलों के अध्यक्षों से प्रत्याशियों की हार को लेकर सवाल करने के साथ ही उनसे विधानसभा चुनाव के दौरान किए गए कार्यों का विवरण भी मांगा जाएगा।
इन जिलों में हो सकता है बदलाव
वहीं जिन जिला इकाइयों में बदलाव होने की बात कही जा रही है उनमें जयपुर शहर, जयपुर देहात और अलवर शहर भी शामिल हैं। दअरसल जयपुर शहर अध्यक्ष प्रताप सिंह खाचरियावास, जयपुर देहात अध्यक्ष राजेंद्र यादव और अलवर जिलाध्यक्ष टीकाराम जूली गहलोत सरकार में मंत्री बने हैं। ऐसे में व्यस्ता के चलते इन जिलों में अध्यक्षों को बदला जा सकता है।

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